भारतीय मूल की युवा साइंटिस्ट और इनोवेटर 14 वर्षीय गीतांजली राव ने एक ऐसा सेंसर बनाया है जो आज की किसी भी मौजूदा आधुनिक तकनीक की तुलना में पानी में लेड यानी सीसे की मात्रा का सेकंड्स में पता लगा लेता है। सबसे अच्छी बात ये है कि इस उपकरण को बनाने के लिए उन्होंने बहुत महंगे डिवाइस का उपयोग नहीं किया है। उन्होंने लागत का ध्यान रखते हुए एक मोबाइल ऐप का उपयोग किया है जो उनके ‘टेथिस’ नाम के उपकरण को अधिक पोर्टेबल और उपयोग में आसान बनाता है। इसका मोबाइल जैसा डिजाइन इसे कहीं भी आसानी से लाने-ले जाने की सुविधा देता है और कहीं भी पानी में लेड की मात्रा मापने में उपयोग किया जा सकता है।
पूरे अमरीका में 5300 से भी ज्यादा पीने योग्य पानी के ऐसे जल स्रोत हैं जो लेड की प्रचुरता से दूषित हैं। अमरीका में लोगों के पास पानी में लेड की मात्रा का परीक्षण करने के लिए दो तरीके हैं, जो या तो समय लेने वाले हैं या सटीक नहीं हैं। जबकि विश्लेषण के लिए लैब में पानी का नमूना भेजना एक लंबी प्रक्रिया है। इसे बनाने का आइडिया उन्हें अपने माता-पिता आया।
गीतांजली ने 3डी अनुसंधान विशेषज्ञ डॉ. कैथलीन शैफर के नेतृत्व में प्लास्टिक के बॉक्स को 3डी प्रिंट कर यह छोटा मोबाइल उपकरण बनाया है जो पानी के नमूने की जांच कर उसमें मौजूद हानिकारक प्रदूषकों और सीसा की सटीक जानकारी देता है वह भी बिना किसी लैब परीक्षण या भारी-भरकम मशीनरी के। गीतांजली अब अपने इस प्रोटोटाइप पर अमरीका के वॉटर इंडस्ट्री के टॉप वैज्ञानिक के साथ मिलकर काम कर रही हैं ताकि इसका वर्किंग प्रोटोटाइप बनाया जा सके। उन्होंने अपने डिवाइस का नाम ग्रीक देवी टेथिस के नाम पर रखा जो शुद्ध जल की संरक्षक हैं।
इसमे 3डी प्रिंटेड बॉक्स ताश के पत्ते जितने आकार का है, इसमें एक बैट्री, ब्लूटूथ और कार्बन नैनोट्यूब्स लगी हैं। उन्होंने कार्बन नैनोट्यूब्स सेंसर का इस्तेमाल पीने योग्य पानी में लेड की मात्रा का पता लगाने के लिए किया। डिवाइस में कार्बन एटम्स एक ट्यूब बनाने के लिए मधुमक्खी के छत्ते की तरह जुड़ जाते हैं। पानी इस ट्यूब में डालने पर उसमें मौजूद सीसा कार्बन आयनों से चिपक जाता है, जो प्रतिरोध पैदा करता है। टेथिस उस प्रतिरोध को मापता है और पानी में सीसा की मात्रा संबंधी डेटा यूजर के स्मार्टफोन ऐप पर भेजता है। इस आविष्कार के पीछे जल संकट की प्रेरणा थी। गीतांजली को इस इनोवेशन के लिए 2019 में फोर्बेस मैगजीन ने उन्हें ’30 अंडर 30′ यंग इनोवेटर्स की सूची में भी जगह दी है।