भारत की दो PSU सेक्टर की कंपनी- कोल इंडिया लिमिटेड और भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (BHEL) ने 28 फरवरी को जॉइंट वेंचर एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किए हैं। इस जॉइंट वेंचर (JV) के जरिये कंपनी की योजना सतही कोयला गैसीकरण (SCG-surface coal gasification ) टेक्नोलॉजी रूट के माध्यम से अमोनियम नाइट्रेट प्लांट स्थापित करना है।
एक्सचेंजों को दी गई जानकारी में BHEL ने बताया कि इस जॉइंट वेंचर में 51 फीसदी हिस्सेदारी कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) और 49 फीसदी हिस्सेदारी BHEL के पास रहेगी। BHEL और CIL कंपनी (JVC ) के बोर्ड में तीन-तीन सदस्यों को नॉमिनेट कर सकते हैं। जॉइंट वेंचर कंपनी को एक लाख रुपये की प्रारंभिक चुकता शेयर पूंजी (Initial paid-up share capital) के साथ एक ‘प्राइवेट लिमिटेड’ कंपनी के रूप में शामिल किया जाएगा। इस JV कंपनी की रजिस्टर्ड ऑफिस ओडिशा (Odisha) में होगी।
कोयले से केमिकल बिजनेस शुरू करने के लिए यह जॉइंट वेंचर खोला जा रहा है। इसके लिए BHEL द्वारा डेवलप्ड PFBG (Pressurized Fluidized Bed Gasification) टेक्नोलॉजी का उपयोग करके शुरुआत में कोयले से 2000 TPD अमोनियम नाइट्रेट प्लांट स्थापित किया जाएगा। FMC परियोजनाओं से सूखे ईंधन (कोयले) के ट्रांसपोर्टेशन को लेकर कोल इंडिया की रोड ट्रैफिक पर निर्भरता थोड़ी कम हो जाएगी।