न्यूज १८ में प्रकाशित
कोरोना के कारण खाली पड़ी ट्रेनों का उपयोग सामान ढोने के लिए किया जा रहा है। इंदौर से पहली किसान ट्रेन 180 टन प्याज लेकर गुवाहटी के लिए रवाना की गई।

ये ट्रेन हर मंगलवार को यहां से रवाना होकर गुरुवार को गुवाहटी पहुंचेगी।आत्मनिर्भर भारत के तहत पश्चिम रेलवे इस पहली किसान ट्रेन को फरवरी 2021 तक हर मंगलवार को इंदौर से चलाएगा।ट्रेन में कुल 20 कोच हैं. ट्रेन पहले फेरे में इंदौर से ही 18 कोच में 180 टन प्याज लेकर रवाना हुई है।

दो कोच खाली रहेंगे. उनमें रास्ते के स्टेशनों से लोडिंग की जाएगी। ये किसान ट्रेन भोपाल के बैरागढ़, बीना, झांसी, कानपुर, लखनऊ, बाराबंकी, छपरा ग्रामीण, हाजीपुर, कटिहार, किशनगंज, न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन पर रुकेगी।

आत्म निर्भर भारत अभियान के तहत किसानों को उनकी उपज का बेहतर मूल्य दिलाने के लिए सरकार की पहल पर रेलवे ने किसान रेल की शुरुआत की है। इसमें किसान अपना उत्पादन देश के दूसरे राज्यों या शहरों में बेहतर मूल्य पर बेच सकें। इसमें रेल विभाग ने भाड़े में 50 फीसदी की छूट दी है। लेकिन इस छूट का फायदा किसानों के नाम पर व्यापारी ले रहे हैं।

किसी ट्रेन को बुक करने के लिए कम से कम 150 टन माल की आवश्यक्ता होती है। कोई भी किसान अलग अलग अपने माल को बुक करने की स्थिति में फिलहाल नहीं है। इसलिए हमने दो बिचौलियों का उपयोग किया, जिन्होंने कई किसानों से माल खरीदा होगा.आगे चलकर किसानों के समूहों से बात करके उन्हें ही माल भेजने की सुविधा दी जाएगी.

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