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बाल विवाह के खिलाफ अभियान छेड़ चुकी दीपिका भट्टाचार्य कम उम्र में शादियों से न केवल बच्चियों को बचाती हैं, बल्कि उन्हें स्वावलम्बी भी बनाती है। इसके साथ ही उन्हें आगे की पढ़ाई भी जारी रखने में मदद करती हैं। सोनारपुरा की रहने वाली दीपिका ने पिछले तीन सालों में करीब 12 बालिकाओं को बाल-विवाह से बचाया।

इसके बाद उनके परिवारवालों, विशेषकर मां की काउसिंलिंग कर उन्हें आगे की पढ़ाई के लिए सहमत कराया। जहां भी आर्थिक मदद की जरूरत होती है, वह सरकारी योजनाओं के जरिए उसे दूर कराने में भी मदद करती हैं। दीपिका ने बताया कि इसी साल जनवरी में सारनाथ इलाके एक 16 वर्ष की लड़की की शादी 35 वर्ष के आदमी से कराई जा रही था।

बच्ची को राजस्थान भेजने की भी तैयारी थी। जब इसकी जानकारी मिली तो सीडब्ल्यूसी व थाने की मदद ली। परिवार वाले विरोध पर उतर आये। हालांकि किसी तरह उन्होंने बच्ची व उसकी मां से सम्पर्क कर समझा-बुझाकर मनाया। दीपिका महिलाओं के घेरलू हिंसा व यौन उत्पीड़न की कानूनी लड़ाई भी लड़ रही हैं। उन्हें थाने से लेकर दफ्तरों तक न्याय दिलाने का प्रयास करती हैं।

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