इंडियन एक्स्प्रेस में प्रकाशित

अरबपति और माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) के सह-संस्थापक बिल गेट्स  ने वित्तीय नवाचार और समावेशन के लिए भारत की नीतियों की तारीफ की है. बिल गेट्स ने कहा कि उनकी परोपकारी नींव  अन्य देशों के साथ मिलकर ओपन-सोर्स टेक्नोलॉजी को रोल आउट करने के लिए काम कर रही है, इन देशों में भारत प्रमुख तौर पर शामिल है.

उन्होने फिनटेक फेस्टिवल में कहा, ‘अगर लोग चीन के अलावा किसी एक देश में पढ़ने जा रहे हैं, तो मैं कहूंगा कि वो भारत को देखें।  यहां अपार संभावनाएं हैं, ये देश अच्छा कर रहा है.’ गेट्स कहते हैं, ‘असल में भारत में संभावनाएं विस्फोट कर रही हैं।  वहां इनोवेशन के शानदार मौके हैं। बिल गेट्स ने कहा कि भारत में अगले 10 वर्षों में बेहद तेज आर्थिक वृद्धि दर दर्ज करने की क्षमता है।  इससे लोगों को गरीबी से बाहर निकाला जा सकेगा और सरकार स्वास्थ्य व शिक्षा जैसे प्राथमिकताओं वाले क्षेत्रों में अच्छा निवेश कर सकेगी.

 

उन्होने ने कहा कि निजी क्षेत्र के व्यापक इनोवेशन और डिजिटल उपकरणों जैसी तकनीक के इस्तेमाल से भारत को कम खर्च में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने में मदद मिलेगी।  उन्होंने भारत के लिए अपने फाउंडेशन की प्राथमिकता वाले क्षेत्रों को सूचीबद्ध करते हुए डिजिटल भुगतान के जरिए गरीबों को फायदा पहुंचाने, स्वच्छता और पोलियो मुक्त कार्यक्रम समेत भारत के कई कार्यक्रमों की तारीफ की गेट्स ने कहा कि उनकी फाउंडेशन यहां सफल हुए कुछ कार्यक्रमों को अफ्रीकी महाद्वीप के देशों में अमल के लिए ले जाना चाहती है।

उन्होने  ने कहा कि 2016 में डिमोनिटाइजेशन (नोटबंदी) के बाद भारत सरकार ने डिजिटल पेमेंट को आगे बढ़ाया. इससे यूनीफाइड पेमेंट्स इंटरफेस या यूपीआई, स्मार्टफोन के उपयोग और वायरलेस डेटा दरों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया है, जो फिर भी दुनिया में सबसे कम हैं।,‘कम खर्चे में स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने के लिए भारत को निजी क्षेत्र के इनोवेशन की काफी जरूरत है. विश्वास है  कि ये इनोवेशन न केवल भारत में अमल योग्य होंगे बल्कि दूसरे देशों में हमारे द्वारा किए जा रहे कार्यों के लिए भी फायदेमंद होंगे।

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