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शहर की एक संस्था ने तनाव से बचाने और लोगो को आत्मनिर्भर बनाने के लिए नुक्कड नाटकों का सहारा लिया है। संस्था की सचिव शालिनी रमानी के अनुसार हम महिलाओं और युवाओं को पॉजिटिव जानकारी, इको फ्रैंडली पेन, रुई-बत्ती और लिफाफे बनाने का प्रशिक्षण दे रहे हैं।

जिसके माध्यम से महिलाएं न सिर्फ खुद को आत्मनिर्भर बना रही है, बल्कि सभी बस्तियों में जाकर सभी महिलाओं को आत्मनिर्भर करने के लिए प्रशिक्षण भी दे रही है। उन्होंने बताया कि महिला आंगनबाड़ी बनाने का प्रयास भी किया जा रहा है ताकि आर्थिक तंगी का शिकार हो रही महिलाएं आत्मनिर्भर बन सकें और लोगों में आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरणा जगा सकें।

कोरोना वायरस के संक्रमण का देशभर के हर क्षेत्र में काफी गहरा असर पड़ा है। कोरोनाकाल से न सिर्फ अर्थव्यवस्था खराब हुई है बल्कि बेरोजगारी भी बढ़ी है। लॉकडाउन में कई युवक और युवतियों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा है। जिसकी वजह से उनमें डिप्रेशन की भावना बढ़ गई है। इसी कारण डिप्रेशन के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। इसीलिए शहर के अलग-अलग इलाकों में नुक्कड नाटक आयोजित किए जा रहे हैं।

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