लोकतेज में प्रकाशित
कोरोना युग में आत्म निर्भर भारत अभियान शुरू करने के साथ, देश के प्रधान मंत्री नरेंद्रभाई मोदी ने ‘वोकल फॉर लोकल की अपील के साथ स्थानीय अर्थव्यवस्था को गति देने की वकालत की थी। जिसकी गूँज गुजरात के कच्छ जिले के अंत तक पहुँच गई है।
कच्छ जिले में जिला ग्रामीण विकास एजेंसी के तहत राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन योजना के तहत काम करते हुए, कच्छ जिले के 293 सखी मंडल की बहनों ने दिवाली पर विभिन्न घर की सजावट के सामान, हस्तकला के सामान, विभिन्न प्रकार के लैंप और साथ ही मिठाई और फरसाण बनाकर 7,53 लाख से अधिक की बिक्री की।
कोरोना जैसी स्थिति में लोग बाहर खाने से बचते हैं। जबकि सखी मंडल की बहनों द्वारा बनाई गई शुद्ध मिठाई और फरसाण पसंद किया। जिससे ग्रामीण इलाकों में बहनों की अच्छी आजीविका हो सके।
इस प्रकार, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन योजना के साथ जुड़ी बहनों को नकद ऋण के तहत वित्तीय सहायता मिलती है। जिससे बहनों द्वारा समूह में गृह उद्योग शुरू किया गया है। साथ ही स्व-उत्पादित वस्तुओं को बेचकर जीविकोपार्जन करती हैं।