लोकतेज में प्रकाशित
एचआईवी पॉजिटिव महिलाओं के लिए अपने परिवार के सदस्यों के सकारात्मक होने पर भी जीवन यापन करना बहुत मुश्किल होता हैं। ऐसे समय में विशेषकर ऐसी महिलाए समाज में अपने पैरों पर खड़ी हो सके तथा उन्हें आय के स्रोत (साधन) प्रदान करने के उद्देश्य से गुजरात स्टेट नेटवर्क ऑफ
पीपल लिविंग एचआईवी एड्स संस्था द्वारा स्कोप कार्यक्रम शुरू किया गया है। जिसके तहत महिलाएं मास्क, सिलाई और अन्य चीजें बनाने का प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं और आत्मनिर्भर बनाने की कवायद सूरत से शुरू की गई है। यह कवायद गुजरात सहित अन्य राज्यों में भी शुरू किया गया है।
14 वर्ष से एचआईवी पॉजिटिव एक महिला ने कहा कि मेरे घर में चार सदस्य हैं पॉजिटिव हैं। उन्होंने अस्वस्थता के कारण दूसरी नौकरी छोड़ दी है। मुझे यहां से ऑर्डर मिला इसलिए मैं घर पर ही सिलाई का काम करती हूं एवं घर से ही मास्क बनाकर देती हूं। मुझे उम्मीद है कि मुझे यहां से एक और आर्डर मिलेगा।
खराब स्वास्थ्य के कारण बाहर नहीं जा सकते। इसलिए घर पर रहकर मैं अब आत्मनिर्भर हूं और सकारात्मक बच्चों की देखभाल भी कर सकती हूं। गुजरात ही नही अन्य राज्यों की भी एचआईवी पीडि़त महिलाएं आत्म निर्भर बन सके इसके लिए संस्था द्वारा छह अन्य राज्यों में यह ट्रेनिंग शुरु किया गया है। जिसमें दिल्ली, राजस्थान, महाराष्ट्र, एवं तमिलनाडु का भी समावेश है।
संगठन द्वारा उन्हें बाजार भी उपलब्ध कराया जाता है। ताकि उनकी कला के लिए अधिक आय अर्जित की जा सके। संस्था के निदेशक ने कहा कि हम उन कौशल को उजागर करने का प्रयास कर रहे हैं जो विशेष रूप से बहनों के भीतर हैं। बहनें जो कुछ भी बनाती हैं उसे बाजार तक पहुंचाकर उन्हे आय हो यह प्रयास कर रही हैं।
राज्य में ऐसे छह समूह बनाए गए हैं और इन समूहों को बनाने का प्रस्ताव पांच अन्य राज्यों में शुरू हुआ है। इसके लिए 175 बहनों को उपकरण किट दिए गए हैं और 70 बहनें विभिन्न समूहों में शामिल हुई हैं।