नवभारत टाइम्स में प्रकाशित

कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड ने स्वदेशी विमान वाहक पोत (आईएसी) का सोमवार को सफलतापूर्वक ‘बेसिन ट्रायल’ किया गया। इसके साथ महात्वाकांक्षी युद्धपोत निर्माण परियोजना का अंतिम चरण आरंभ हो गया। समुद्र में परीक्षण के पहले ‘बेसिन ट्रायल’ के दौरान जहाज की मशीनरी और उपकरणों को जांचा परखा जाता है।

एक बयान में कहा गया कि ‘बेसिन ट्रायल’ के कामयाब रहने के बाद आईएससी परियोजना अंतिम चरण में पहुंच चुकी है। समुद्र में इसका परीक्षण 2021 की पहली छमाही में किए जाने की संभावना है । बयान में कहा गया, ‘‘भारतीय नौसेना और कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) के केंद्रित और प्रतिबद्ध प्रयासों के कारण कुछ समय में आईएएसी तिरंगे के साथ समुद्र में नजर आएगा।

’’ कोविड-19 महामारी के प्रसार को रोकने के लिए लॉकडाउन के बावजूद सीएसएल और भारतीय नौसेना ने समय पर विमानवाहक पोत के ‘बेसिन ट्रायल’ को लेकर लगातार साथ मिलकर काम किया। सही तरीके से बनायी गयी रणनीति और आवश्यक सुरक्षा उपाय के साथ विमानवाहक पोत के निर्माण का कार्य बाधित नहीं हुआ । इस दौरान नौसेना के दक्षिण नौसैन्य कमान के प्रमुख फ्लैग ऑफिसर और कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। आईएसी परियोजना ‘आत्मनिर्भर भारत’ का एक नायाब उदाहरण है जिसमें करीब 75 प्रतिशित सामग्री स्वदेशी है।

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