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उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना को मंजूरी देने से मेक इन इंडिया और आत्म निर्भर भारत के विजन को और बढ़ावा मिलेगा। इससे हमारे उत्पाद ही नहीं बल्कि विश्व स्तर पर ब्रांड इंडिया को और भी प्रतियोगी बना सकेगा। लुधियाना हैंडटूल एसोसिएशन के प्रधान एससी रलहन ने कहा कि आधुनिक और हाइ-एंड प्रौद्योगिकी के साथ इकानोमिक आफ स्केल को सुनिश्चित करने के लिए विनिर्माण क्षेत्र की मदद से योजना निवेश को बढ़ावा देगी, एफडीआई को आकर्षित करेगी, घरेलू क्षमता को बढ़ाएगी और साथ-साथ निर्यात को भी बड़े पैमाने पर बढ़ाएगी।

इससे भारत वैश्विक वेलु चेन में एक प्रमुख खिलाड़ी बन सकेगा। रलहन ने कहा कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को बढ़ावा देने के अलावा इस तरह के चुनौतीपूर्ण और कठिन समय के दौरान ये योजना देश भर में रोजगार के अवसर पैदा करने वाले स्किल सेट को बढ़ावा देने में और मदद करेगी।

रसायन विज्ञान सेल बैटरी, इलेक्ट्रॉनिक/प्रौद्योगिकी उत्पादों, ऑटोमोबाइल और ऑटो घटकों, दवाओं, दूरसंचार और नेटवर्किंग उत्पादों, कपड़ा उत्पादों, खाद्य उत्पादों, उच्च दक्षता वाले सोलर पीवी मॉड्यूल्स, होम अप्लायंसेस खासकर सफेद वस्तुओं और विशेष स्टील जैसे 10  क्षेत्रों को शामिल करना इन उत्पादों पर आयात निर्भरता को कम करेगा। इससे घरेलू क्षेत्र की कंपनियो को मदद मिलेगा। दीर्घ अवधि में इस योजना से देश के व्यापारिक घाटे को घटाने में और साथ ही देश के विकास स्तर को बढ़ाने मे मदद मिलेगा।

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