केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा है कि सरकार मुख्य रूप से कैंसर विकिरण चिकित्सा के लिए उपयोग की जाने वाली उच्च शक्ति वाली मैग्नेट्रॉन तकनीक के स्वदेशी विकास का समर्थन कर रही है।

उन्होने  ने “कण त्वरक के लिए एस बैंड ट्यूनेबल मैग्नेट्रॉन” के विकास और व्यावसायीकरण के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए डीएसटी और पैनासिया मेडिकल टेक्नोलॉजीज, बैंगलोर के प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड (टीडीबी) के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने की अध्यक्षता की।

टीडीबी ने कंपनी को कुल 9.73 करोड़ रुपये की परियोजना लागत में से 4.87 करोड़ रुपये की ऋण सहायता प्रदान करने पर सहमति व्यक्त की है।

उन्होने कहा ने कहा कि पार्टिकल एक्सीलिरेटर्स  के लिए एस बैंड ट्यूनेबल मैग्नेट्रॉन के विकास और व्यावसायीकरण” हेतु पैनेशिया मेडिकल टेक्नोलॉजीज का समर्थन करने वाला प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड अब आम आदमी के लिए कैंसर के इलाज को और अधिक किफायती बनाने के लिए सिद्धार्थ II की लागत को और कम करने हेतु पैनसिया को एक कदम आगे बढ़ने में सक्षम बनाएगा। साथ ही यह बड़े पैमाने पर समाज को लाभ पहुंचाने के लिए बाजार संचालित अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देने वाले सर्वश्रेष्ठ उद्योग अकादमिक जुड़ाव का भी उदाहरण है।

उन्होने कहा कि सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट पिलानी द्वारा विकसित उच्च-शक्ति वाले मैग्नेट्रॉन, व्यावसायिक उपयोग के लिए ऑन्कोलॉजिस्टों के लिए बहुत कम दुष्प्रभावों के साथ सटीक विकिरण के साथ 2 मिमी व्यास के ब्रेन ट्यूमर का भी इलाज करने के लिए एक पथप्रदर्शक तकनीक होगी।

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