स्वदेशी रूप से विकसित हेलीकॉप्टर लॉन्च एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल ‘हेलीना’ का 11 अप्रैल, 2022 को उपयोगकर्ता सत्यापन परीक्षणों के हिस्से के रूप में उच्च ऊंचाई वाली सीमाओं पर सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण किया गया था। उड़ान परीक्षण संयुक्त रूप से रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO), भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना (IAF) के वैज्ञानिकों की टीमों द्वारा किया गया था।
उड़ान परीक्षण एक उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर (एएलएच) से किए गए थे और मिसाइल को नकली टैंक लक्ष्य को सफलतापूर्वक दागा गया था। मिसाइल को एक इमेजिंग इंफ्रा-रेड (IIR) सीकर द्वारा निर्देशित किया जाता है जो लॉन्च से पहले लॉक ऑन मोड में काम करता है। यह दुनिया के सबसे उन्नत टैंक रोधी हथियारों में से एक है।
राजस्थान के पोखरण में किए गए सत्यापन परीक्षणों की निरंतरता में, उच्च ऊंचाई पर प्रभावकारिता का प्रमाण एएलएच पर इसके एकीकरण का मार्ग प्रशस्त करता है। परीक्षणों को सेना के वरिष्ठ कमांडरों और डीआरडीओ के वरिष्ठ वैज्ञानिकों ने देखा।
रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने संयुक्त कार्य के माध्यम से पहली उपलब्धि के लिए डीआरडीओ और भारतीय सेना को बधाई दी। रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ जी सतीश रेड्डी ने कठिन परिस्थितियों में किए गए सराहनीय कार्य के लिए टीमों को बधाई दी।