एनएलसी इंडिया लिमिटेड, कोयला मंत्रालय के तहत सार्वजनिक क्षेत्र का एक नवरत्न उपक्रम, वर्तमान में अक्षय ऊर्जा अर्थात सौर ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति कर रहा है। सतत भूमि सुधार गतिविधि और कई अन्य पर्यावरण के अनुकूल पहल भी पर्याप्त सफलता के साथ चल रही हैं। खदान बंद करने की योजना के अनुसार पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को दी गई प्रतिबद्धता के अनुपालन में सभी खनन क्षेत्रों में वनरोपण और हरित पट्टी निर्माण परियोजनाएं चलाई जा रही हैं।
जीवाश्म ईंधन खनन और ताप विद्युत उत्पादन में संलग्न, एनएलसी इंडिया लिमिटेड ने अपनी ग्रीन बेल्ट निर्माण पहल के हिस्से के रूप में नेवेली टाउनशिप और औद्योगिक क्षेत्रों में दो करोड़ से अधिक पौधे लगाए हैं। पीएसयू ने अब तक खनन किए गए क्षेत्र से 2600 हेक्टेयर भूमि को पुनः प्राप्त किया है और 2188 हेक्टेयर में वनरोपण किया गया है। इस क्षेत्र में विभिन्न प्रकार के देशी पेड़ लगाए गए हैं। अब तक पुनः प्राप्त भूमि में 27.96 लाख से अधिक पौधे लगाए जा चुके हैं और 100 हेक्टेयर भूमि में उच्च तकनीक वाली सब्जियों की खेती हो रही है।
खुली खदानों से हटाए गए ओवर बर्डन को भूमि के पुनर्ग्रहण के हिस्से के रूप में खनन किए गए क्षेत्रों में फिर से भर दिया जाता है। पौधों के पोषक तत्वों से रहित, विषम प्रकृति के कारण इस प्रकार की मिट्टी खेती के लिए अनुपयुक्त है। इसके अलावा, इस प्रकार की मिट्टी में वनस्पति विकास के लिए आवश्यक उचित बनावट और संरचना नहीं होती है। एनएलसीएल, समर्पित प्रयास के साथ, मिट्टी की गुणवत्ता को पूर्व-खनन स्तर तक सुधार कर ऐसे रिफिल किए गए क्षेत्रों को कृषि क्षेत्रों में परिवर्तित करता है और इसके लिए वैज्ञानिक कृषि विधियों का उपयोग किया जाता है।
स्थायी खनन पहल के अनुरूप एनएलसीएल द्वारा वर्षा जल संचयन की सुविधा के लिए 104 हेक्टेयर में 52 जल निकाय बनाए गए हैं। नौका विहार सुविधा के साथ इको पर्यटन पार्क, विभिन्न प्रकार के पक्षियों वाला एक छोटा चिड़ियाघर कुछ अन्य मुख्य आकर्षण हैं। एनएलसीएल की निरंतर पर्यावरण अनुकूल पहल के साथ, यह क्षेत्र बड़ी संख्या में देशी और प्रवासी पक्षियों का घर बन गया है।