भारत ने यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिए ‘ऑपरेशन गंगा’ नाम से बड़े पैमाने पर बचाव अभियान चलाया है। विदेश मंत्रालय, नागरिक उड्डयन मंत्रालय के साथ निकट समन्वय में, भारतीय छात्रों को तेज गति से भारत वापस लाने के लिए सभी प्रयास कर रहा है। इंडियन एयरलाइंस अपने संसाधनों को तेजी से निकासी प्रक्रिया में लगा रही है। चार केंद्रीय मंत्री- श्री हरदीप सिंह पुरी, श्री ज्योतिरादित्य एम सिंधिया, श्री किरेन रिजिजू और जनरल (सेवानिवृत्त) वीके सिंह इन कार्यों का समर्थन और पर्यवेक्षण करने के लिए यूक्रेन से सटे देशों में गए हैं। भारतीय नागरिक विमानों के साथ-साथ भारतीय वायु सेना के विमान नियमित रूप से फंसे हुए भारतीय छात्रों को वापस ला रहे हैं।

निकासी प्रक्रिया, जो 22 फरवरी को शुरू हुई थी , अब तक 6200 से अधिक व्यक्तियों को वापस ला चुकी है, जिसमें 2185 व्यक्ति आज 10 विशेष नागरिक उड़ानों के माध्यम से आ रहे हैं। आज की उड़ानों में बुखारेस्ट से 5, बुडापेस्ट से 2, कोसिसे से 1 और सिविलियन एयरलाइंस द्वारा रेज़ज़ो से 2 उड़ानें शामिल हैं। इसके अलावा, 3 IAF उड़ानें आज 3 मार्च को रात 11 बजे और 4 मार्च की सुबह के बीच अधिक भारतीयों को ला रही हैं। IAF की चार उड़ानें पहले ही 2 मार्च की मध्यरात्रि और 3 मार्च की सुबह के बीच 798 भारतीय नागरिकों को ला चुकी हैं। नागरिक उड़ानों की संख्या इसे और बढ़ाया जाएगा, और अगले दो दिनों में 7400 से अधिक व्यक्तियों को विशेष उड़ानों के माध्यम से लाए जाने की उम्मीद है। कल 3500 और 5 मार्च को 3900 से अधिक लोगों को वापस लाए जाने की संभावना है।

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