दैनिक जागरण में प्रकाशित
कोरोना काल में गहराए रोजगार व स्वरोजगार के संकट से उबरने में जिले के लिए सरकार का आत्म निर्भर पैकेज संजीवनी की तरह काम कर रहा है। प्रसासन सूझबूझ और औद्योगिक संगठनों के बीच सही तालमेल भी बेहद कारगर रही। यही कारण रहा कि जिले में गैर प्रदेशों से लौटे 53273 प्रवासियों में जहां 24720 को विभिन्न इकाइयों व योजनाओं सहित निर्माण कार्यों में शामिल करके रोजगार दिया है।

वहीं आत्मनिर्भर पैकेज पाने वाली 4496 इकाइयों में भी रोजगार के अवसर बने। इन इकाइयो में जिले के 17982 बेरोजगारों को रोजगार मुहैया करवाया गया। शासन ने आत्म निर्भर पैकेज का प्रदेश के जिलों में हुआ असर पर एक रिपोर्ट 29 अक्टूबर को जारी की।

गौरतलब है कि सरकार ने लॉकडाउन के बाद अनलॉक के प्रथम चरण में ही औद्योगिक संस्थानों को उबारने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा करते हुए आत्मनिर्भर भारत बनाए जाने का उद्देश्य जाहिर किया था।

इस अभियान से जिले पहले से कार्यरत इकाइयों को तो संजीवनी मिली है। इसके अलावा 4496 नई इकाइयों के संचालन की स्वीकृति भी आर्थिक पैकेज के अंतर्गत दी गई और आत्मनिर्भर पैकेज से लाभान्वित की गई इन इकाइयों में रोजगार का सृजन भी हुआ और 17982 बेरोजगार काम पा गए। इसके अलावा आत्म निर्भर भारत योजना के तहत भी जिले में 4393 बेरोजगारों को रोजगार का अवसर मिल गया।

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