त्रिपुरा में 2,752 करोड़ रुपये की लागत वाली 262 किलोमीटर लंबी 9 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की आधारशिला रखी। और पिछले 6 वर्षों में त्रिपुरा से होकर गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग में लगभग 300 किलोमीटर का विस्तार किया गया है, इस समय राज्य में राष्ट्रीय राजमार्गों की कुल लंबाई 850 किलोमीटर से अधिक है। जिसमे की 8000 करोड़ रुपये की लागत से त्रिपुरा में सड़कों का निर्माण कार्य प्रगति पर है और 2015 से लेकर 2020 के बीच भूमि अधिग्रहण के लिए 365 करोड़ रुपये आवंटित किया जा चुके हैं। इससे राष्ट्रीय राजमार्गों को बेहतर करने और इसके विकास से राज्य के सभी जिलों और प्रमुख शहरों के बीच बेहतर संपर्क सुनिश्चित होगा। और यह अगले महीने बनकर तैयार हो जाएगी। भारत में सबरम और बांग्लादेश में रामगढ़ को जोड़ने वाला 1.8 किमी लंबा फेनी सेतु इस साल दिसम्बर तक तैयार हो जाएगा और इस पर 129 करोड़ रुपये की लागत आएगी। उन्होंने कहा कि यह पुल सामाजिक, आर्थिक और सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। सबरम और चटगाँव के बीच 75 किलोमीटर की दूरी है और इस पुल के निर्माण से कोलकाता और चटगाँव बन्दरगाहों से सामानों की ढुलाई में बड़ा बदलाव आएगा। सबरम के पास ही एक एकीकृत चेक पोस्ट की स्थापना की गयी है।

उन्होने ने कहा कि फेनी नदी पर बन रहे पुल से बांग्लादेश के साथ लगने वाली अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर संपर्क में बेहतरी आएगी। अगरतला शहर के पश्चिमी भाग में 4 लेन के बाईपास के निर्माण को मंजूरी मिल गई है और यह डीपीआर तैयार किए जाने के चरण में है।  त्रिपुरा की जीवन रेखा माने जाने वाले अगरतला से चुरईबारी एनएच 08 को चार लेन किया जा रहा है। यह परियोजना डीपीआर चरण में है। इसके चलते अगरतला से असम समेत अन्य राज्यों से तेज़ और निर्बाध आवागमन सुनिश्चित होगा।

त्रिपुरा को एक्ट ईस्ट पॉलिसी का द्वार बताते हुए केंद्र सरकार जल्द ही त्रिपुरा और बांग्लादेश के बीच एक रेल सेवा शुरू करने की तैयारी में है, जिससे क्षेत्र में विकास का एक नया अध्याय शुरू होगा और समूचे क्षेत्र को बन्दरगाहों से जोड़ा जा सकेगा और इससे पूर्वी क्षेत्र के हमारे पड़ोसी देशों के साथ व्यापार में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।

इन परियोजनाओं के पूर्ण होने पर अंतरराज्यीय संपर्क के साथ-साथ बांग्लादेश के साथ अंतर्राष्ट्रीय संपर्क में बड़ा बदलाव आएगा। इससे राज्य में पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा। नयी परियोजनाओं के पूर्ण होने पर समूचे राज्य में धार्मिक, ऐतिहासिक और पर्यटक स्थलों के बीच तेज़ और सुरक्षित आवागमन सुनिश्चित होगा। यह परियोजनाएं क्षेत्र में रोजगार सृजन के साथ-साथ कुशल, अर्ध कुशल और अकुशल कामगारों के लिए स्व-रोजगार की दिशा में बढ़ी भूमिका अदा करेंगी। इन परियोजनाएं के चलते यात्रा समय में कमी आएगी, वाहनों की मरम्मत में लागत कम होगी और ईंधन की भी बचत होगी। परियोजनाओं के क्रियान्वयन से स्थानीय तौर पर सामाजिक और आर्थिक स्थिति में बदलाव आएगा। इससे कृषि उत्पादों की ढुलाई में सहूलियत बढ़ेगी, किसानों की और अधिक बाज़ारों तक पहुँच बढ़ेगी। इससे वस्तुओं और सेवाओं की कीमत भी घटेगी। इससे स्वस्थ्य देखभाल एवं आपात सेवाओं में तत्परता आएगी। संक्षेप में यह परियोजनाएं सामाजिक आर्थिक उत्थान का वाहक बनने के साथ-साथ पर्यटन को बढ़ावा देंगी और क्षेत्र के अंतर्राष्ट्रीय संपर्क बेहतर होगा। इससे त्रिपुरा राज्य की जीडीपी में उछाल आएगा और इन सड़कों के बनाने से पर्वतीय और अधिक वर्षा वाले राज्य त्रिपुरा के लोगों को सभी मौसम में सुरक्षित संपर्क उपलब्ध कराने में अहम भूमिका निभाएँगी।
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