हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार
अब फुटवियर में दस्तकारी किये हुए खादी के कपड़े की सुंदरता महसूस करें। केन्द्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री श्री नितिन गडकरी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) द्वारा डिज़ाइन किये गये और खादी के कपड़े से बने भारत के पहले उच्च गुणवत्ता वाले फुटवियर का शुभारंभ किया। ये फुटवियर रेशमी, सूती और ऊनी खादी के कपड़े से बने हैं। उन्होने ने केवीआईसी के ई-पोर्टल www.khadiindia.gov.inके माध्यम से खादी के इन फुटवियरों की ऑनलाइन बिक्री की भी शुरूआत की।
उन्होने ने खादी के कपड़े से बने फुटवियरों की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस तरह के अनूठे उत्पादों में अंतरराष्ट्रीय बाजार पर कब्जा करने की अपार क्षमता है। उन्होंने यह भी कहा कि खादी कपड़े के फुटवियर एक अनूठा उत्पाद है इससे हमारे कारीगरों के लिए अतिरिक्त रोजगार और अपेक्षाकृत उच्च आय पैदा होगी।
जो इसे ऑनलाइन खरीद सकते हैं। ये फुटवियर सस्ते हैं। “केन्द्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ने आगे कहा, “ऐसे उत्पादों का विकास और विदेशों में विपणन करके खादी इंडिया 5000 करोड़ रुपये के बाजार पर कब्जा कर सकता है।”
खादी के कपड़े के फुटवियर न केवल पर्यावरण और त्वचा के अनुकूल हैं, बल्कि ये खादी के उन कारीगरों की कड़ी मेहनत को दर्शाते हैं जिन्हें इन फुटवियरों के लिए कपड़े बनाने के लिए रखा गया है। और ये यकीन है कि फुटवियर उद्योग में एक बड़ी हिस्सेदारी हासिल करके खादी के कपड़े के फुटवियर देश की अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने में मदद करेंगे।”
ये फुटवियर महिलाओं के लिए 15 डिज़ाइनों और पुरुषों के लिए 10 डिज़ाइनों में लॉन्च किए गए हैं। और इन फुटवियरों की कीमत 1100 रुपये से लेकर 3300 रुपये प्रति जोड़ी है।
उन्होने ने कहा, “खादी के कपड़े के फुटवियर को लॉन्च करने के पीछे का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय बाजार का दोहन करना था जहां अंतरराष्ट्रीय उपभोक्ताओं का एक बड़ा वर्ग तेजी से शाकाहारी हो रहा है और इसलिए, खादी इस वर्ग का पसंदीदा विकल्प बन जाएगा।” उन्होंने आगे कहा, “लोगों के लिए खादी के कपड़े का फुटवियर भले ही एक छोटा कदम है, लेकिन यह हमारे खादी के कारीगरों के लिए एक विशाल छलांग होगा।
फुटवियर में सूती, सिल्क और ऊन जैसे महीन कपड़ों का इस्तेमाल करने की वजह से कारीगरों द्वारा कपड़े के उत्पादन के साथ-साथ इसकी खपत में भी वृद्धि होगी। यह अंततः खादी के कारीगरों के लिए अतिरिक्त रोजगार और अपेक्षाकृत उच्च आय पैदा करेगा।” भारतीय फुटवियर उद्योग का आकार लगभग 50,000 करोड़ रुपये का है जिसमें लगभग 18,000 करोड़ रुपये का निर्यात शामिल है। श्री सक्सेना ने कहा कि हमारा प्रारंभिक लक्ष्य इस उद्योग के कम से कम 2% भाग पर कब्जा करना है, जोकि अनुमानित रूप से लगभग 1000 करोड़ रुपये के बराबर है।
संयोग से, खादी के कपड़े के फुटवियर विकसित करने के पीछे का विचार “स्थानीय से वैश्विक” के दृष्टिकोण के साथ मेल खाता है। इससे पहले, केवीआईसी ने टाइटन के साथ मिलकर अपनी पहली खादी कलाई घड़ी सफलतापूर्वक लॉन्च की थी, जोकि एक ट्रेंड सेटर रही है।
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