आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सहयोग से देश के 223 शहरों में पीएम स्वनिधि योजना के तहत सड़क विक्रेताओं के लिए डिजिटल ऑनबोर्डिंग और प्रशिक्षण के लिए एक विशेष अभियान ‘मैं भी डिजिटल 3.0’ पायलट अभियान शुरू किया। इसे संयुक्त रूप से आवास और शहरी मामलों के सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा और इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी सचिव अजय प्रकाश साहनी द्वारा एक आभासी कार्यक्रम में लॉन्च किया गया था। यह अभियान प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के सबका साथ सबका विकास के दृष्टिकोण के अनुरूप है।
भारतपे, एमस्वाइप, फोनपे, पेटीएम, एसवेयर यूपीआई आईडी, क्यूआर कोड जारी करने और डिजिटल प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए इस अभियान में भाग ले रहे हैं। डिजिटल भुगतान एग्रीगेटर डिजिटल लेन-देन और व्यवहार में बदलाव को अपनाने के लिए स्ट्रीट वेंडर्स का साथ देंगे। डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए ऋण देने वाली संस्थाओं को एक टिकाऊ क्यूआर कोड सौंपने और वितरण के एक सप्ताह के भीतर डिजिटल रसीद और भुगतान लेनदेन करने के लिए लाभार्थियों को प्रशिक्षित करने के निर्देश जारी किए गए हैं।
अब तक 45.5 लाख आवेदन प्राप्त हो चुके हैं। इनमें से 27.2 लाख ऋण स्वीकृत किए जा चुके हैं और 24.6 लाख ऋण वितरित किए जा चुके हैं। अब तक वितरित की गई राशि 2 हजार 4 सौ 44 करोड़ रुपये है। 70 हजार 448 से अधिक रेहड़ी-पटरी वालों ने कर्ज की पहली किश्त चुका दी है। 22.41 लाख डिजिटल रूप से ऑन-बोर्डेड स्ट्रीट वेंडरों में से 7.24 लाख स्ट्रीट वेंडर डिजिटल रूप से सक्रिय हैं और उन्होंने 5.92 करोड़ डिजिटल लेनदेन दर्ज किए हैं।