रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह और सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने संयुक्त रूप से बाड़मेर, राजस्थान के पास NH-925A पर सट्टा-गंधव खंड पर भारतीय वायु सेना (IAF) के लिए आपातकालीन लैंडिंग सुविधा (ELF) का उद्घाटन किया  दोनों मंत्रियों ने इस सुविधा का उद्घाटन करने के लिए सी-130जे विमान से बाड़मेर की यात्रा की उन्होंने ईएलएफ पर विमान संचालन भी देखा, जिसका निर्माण मैसर्स जीएचवी इंडिया प्राइवेट द्वारा सिर्फ 19 महीनों में किया गया है। लिमिटेड IAF और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) की देखरेख में यह पहली बार है जब भारतीय वायु सेना के विमानों की आपात लैंडिंग के लिए किसी राष्ट्रीय राजमार्ग का इस्तेमाल किया गया है यह लैंडिंग स्ट्रिप सभी प्रकार के IAF विमानों की लैंडिंग की सुविधा प्रदान करने में सक्षम होगी। उन्होने कहा कि देश को पहला ऐसा नेशनल हाईवे मिल गया जहां वायुसेना के लड़ाकू विमान भी उतर सकेंगे। इस एयर स्ट्रिप से शुरू होने के बाद वायुसेना को इसका खासा फायदा मिलेगा. एनएच-925 भारत का पहला राष्ट्रीय राजमार्ग है जिसका इस्तेमाल वायुसेना के विमानों को आपात स्थिति में उतारने के लिए किया जाएगा।

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने भारतीय वायु सेना के लिए आपातकालीन स्थिति में विमान उतारने के वास्ते एनएच-925ए के सट्टा-गंधव सेक्शन के तीन किलोमीटर के हिस्से पर इस आपातकालीन पट्टी का निर्माण किया है। यह पट्टी भारतमाला परियोजना के तहत गगरिया-बखासर और सट्टा-गंधव खंड के नव विकसित ‘टू-लेन पेव्ड शोल्डर’ का हिस्सा है, जिसकी कुल लंबाई 196.97 किलोमीटर है और इसकी लागत 765.52 करोड़ रुपये है। ‘पेव्ड शोल्डर’ उस भाग को कहा जाता है, जो राजमार्ग के उस हिस्से के पास हो जहां से वाहन नियमित रूप से गुजरते हैं।

ईएलएफ का निर्माण 19 महीने के अंदर पूरा किया गया है। इसका निर्माण कार्य जुलाई 2019 में शुरू किया गया था और जनवरी 2021 में यह सम्पन्न हो गया. आईएएफ और एनएचएआई की देखरेख में ‘जीएचवी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड’ ने इसका निर्माण किया है. भारत-पाक सीमा से महज 40 किलोमीटर दूर है यह हवाई पट्‌टी. इसका निर्माण भारत माला प्रोजेक्ट के तहत बने हाइवे NH-925ए पर हुआ है. हवाई पट्‌टी की चौड़ाई 33 मीटर है और इकी लंबाई 3 किलोमीटर है।

भारतीय वायु सेना के लिए 56 C-295MW परिवहन विमान की खरीद के लिए कैबिनेट की मंजूरी का उल्लेख करते हुए, रक्षा मंत्री ने कहा कि यह निर्णय ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में एक बड़ा कदम था, जैसा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने कल्पना की थी, क्योंकि विमान का निर्माण इसके तहत किया जाएगा ‘मेक इन इंडिया’ पहल।

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