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कोरोनावायरस महामारी की संभावित तीसरी लहर के खतरे के बीच, आईआईटी कानपुर ने ‘संजीवनी’ विकसित किया है, जो एक उन्नत ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर है। इसको विकसित करने का उद्देश्य पर्याप्त ऑक्सीजन सप्लाई को सुनिश्चित करना है जो इस साल सितंबर और अक्टूबर में संक्रमण के संभावित बढ़ोतरी के दौरान संसाधनों की कमी को पूरा करेगा।

‘संजीवनी’ को प्रोफेसर जे रामकुमार की देखरेख में आईआईटी-कानपुर में मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग की एक टीम द्वारा विकसित किया गया है। कॉन्सेंट्रेटर 10 लीटर प्रति मिनट (एलपीएम) की प्रवाह दर पर काम करता है और 92% ±3 की ऑक्सीजन शुद्धता को रिले करता है। इस उपकरण को 1 से 10 एलपीएम के पैमाने से एडजस्ट किया जा सकता है, जिससे यह घरेलू और मेडिकल दोनों क्षेत्रों में उपयोग किया जा सकता है। यह निरंतर और पर्याप्त ऑक्सीजन सप्लाई  करता है। आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रोफेसर अभय करंदीकर ने कहा कि ऑक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति बनाए रखने के लिए उन्नत ऑक्सीजन सांद्रता विकसित की गई है।

आईआईटी कानपुर में नवाचार के प्रभारी प्रोफेसर अमिताभ बंद्योपाध्याय ने कहा कि आईआईटी कानपुर का इनक्यूबेटर देश में चिकित्सा उपकरण विकास पारिस्थितिकी तंत्र में तेजी लाने के लिए यमुना एक्सप्रेसवे विकास प्राधिकरण और कुछ अंतरराष्ट्रीय भागीदारों सहित कई हितधारकों के साथ सक्रिय रूप से काम कर रहा है।

निदेशक, IIT कानपुर, प्रोफेसर अभय करंदीकर ने भी IIT कानपुर में स्कूल ऑफ मेडिकल रिसर्च एंड टेक्नोलॉजी की चल रही प्रगति से अवगत कराया, जिसमें परिसर में 400 बेड का अस्पताल होगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि स्कूल की आर एंड डी गतिविधि अनुसंधान को बढ़ावा देगी जिससे नवीन और लागत प्रभावी चिकित्सा उपकरणों का विकास होगा।

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