देश के पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत विक्रांत का समुद्र में परीक्षण शुरू हो गया है। यह देश में बना और डिजाइन किया गया सबसे बड़ा युद्धपोत जो दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देगा। भारतीय नौसेना ने इस मौके को ऐतिहासिक बताया है। भारतीय नौसेना ने कहा कि देश के लिए यह गौरवान्वित करने वाला पल है। इसके साथ ही भारत उन चुनिंदा देशों में शुमार हो गया है जिसके पास देश में ही अत्याधुनिक विमानवाहक पोत तैयार करने की विशिष्ट क्षमता है और ये भारत सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ मुहिम का एक वास्तविक प्रमाण होगा।
आईएसी 76 प्रतिशतसे अधिक स्वदेशी सामग्री के साथ “आत्मनिर्भर भारत” के लिए देश के प्रयास का एक प्रमुख उदाहरण है। यह भारतीय नौसेना और कोचीन शिपयार्ड का स्वदेशी रूप से एक विमानवाहक पोत डिजाइन करने निर्माण करने का पहला प्रयास है। इससे बड़ी संख्या में सहायक उद्योगों के विकास के अलावा, 2000 सीएसएल कर्मियों और सहायक उद्योगों में लगभग 12000 कर्मचारियों के लिए रोजगार के अवसरों के साथ स्वदेशी डिजाइन और निर्माण क्षमताओं में वृद्धि हुई है। उपकरणों की खरीद के मामले में 76 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री, सीएसएल और उनके उप-ठेकेदारों द्वारा काम का फायदा सीधे भारतीय अर्थव्यवस्था को होने जा रहा है। लगभग 100 एमएसएमई सहित लगभग 550 भारतीय फर्म सीएसएल के साथ पंजीकृत हैं, जो आईएसी के निर्माण के लिए विभिन्न सेवाएं प्रदान कर रही हैं।
स्वदेशी विमानवाहक पोत 262 मीटर लंबा, 62 मीटर चौड़ा और 59 मीटर ऊंचा है, जिसमें सुपरस्ट्रक्चर भी शामिल है। सुपरस्ट्रक्चर में पांच डेक होने समेत पोत में कुल 14 डेक हैं। जहाज में 2,300 से अधिक कम्पार्टमेंट्स हैं, जिन्हें लगभग 1700 लोगों के क्रू के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिसमें महिला अधिकारियों को समायोजित करने के लिए विशेष केबिन भी शामिल हैं। जहाज को मशीनरी संचालन, जहाज नेविगेशन और कठिन हालात में स्वयं को बनाए रखने के दृष्टिकोण से बहुत उच्च स्तर के ऑटोमेशन के साथ डिजाइन किया गया है, ‘विक्रांत’ की लगभग 28 समुद्री मील की शीर्ष गति और लगभग 7,500 समुद्री मील की एंड्योरेंस के साथ 18 समुद्री मील की परिभ्रमण गति है। जहाज फिक्स्ड विंग और रोटरी एयरक्राफ्ट के वर्गीकरण को समायोजित कर सकता है।
भारतीय नौसेना का जहाज निर्माण कार्यक्रम 44 जहाजों और पनडुब्बियों के स्वदेशी निर्माण के क्रम में अपेक्षित ‘आर्थिक प्रोत्साहन’ प्रदान करने के लिए सही ढंग से तैयार है।
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