टीम इंडिया ने 2021 रीजेनरॉन अंतरराष्ट्रीय विज्ञान और इंजीनियरिंग मेला (आईएसईएफ) में प्रजातियों में अजैव तनाव का प्रतिरोध करने वाले जीन की पहचान से लेकर संवर्धित रियलिटी स्मार्ट स्टेथोस्कोप तक, जो गैर-चिकित्सकों को सटीक पल्मोनरी स्क्रीनिंग करने में सहायता करता है, के लिए 9 सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार और 8 विशेष पुरस्कार जीते। ये नवाचार युवा छात्रों ने किए थे, जिन्होंने पुरस्कार प्राप्त किए और देश में वाहवाही बटोरी।
भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) में सचिव प्रोफेसर आशुतोष शर्मा ने एसटीईएम-आईआरआईएस राष्ट्रीय मेले में अनुसंधान व नवाचार के लिए की गई पहल के उन 26 विजेताओं के साथ वर्चुअल माध्यम के जरिए बातचीत की, जिन्होंने रीजेनरॉन अंतरराष्ट्रीय विज्ञान और इंजीनियरिंग मेला (आईएसईएफ) में ‘टीम इंडिया 2021’ के रूप में भाग लिया। इन छात्रों ने पूरे विश्व के 64 देशों, क्षेत्रों और भूभागों के 1833 उदीयमान वैज्ञानिकों के साथ प्रतिस्पर्धा की और 17 पुरस्कार जीते।
प्रोफेसर शर्मा ने कहा, “रचनात्मकता ज्ञान को जोड़ती है। हमारा उद्देश्य कुछ विषम विशेषज्ञता के साथ एक रचनात्मक विशेषज्ञ बनना और इन बिंदुओं को जोड़ने के लिए पहुंच हासिल करना होना चाहिए।” उन्होंने सभी परियोजनाओं का निरीक्षण किया और विजेताओं को उनके किए गए शोध पर बधाई दी। इस अवसर पर विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के एनसीएसटीसी के प्रमुख डॉ. प्रवीण अरोड़ा व भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के वैज्ञानिक सुजीत बनर्जी भी उपस्थित थे।
आईआरआईएस मेला निदेशक और ईएक्सएसटीईएमपीएलएआर एजुकेशन लिंकर्स फाउंडेशन की मुख्य संचालन अधिकारी शेरोन ई. कुमार ने कहा आईआरआईएस एक ऐसा मंच है। जहां नवाचार की यात्रा का जश्न मनाया जाता है। देश में आईआरआईएस जैसे कार्यक्रमों की सफलता की सराहना की जाती है और इससे युवा छात्रों को अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी वैज्ञानिक प्रतिभा दिखाने का मौका मिलता है।