वेबदुनिया के अनुसार
जम्मू कश्मीर के किसानों के अच्छे दिन आने वाले हैं। पहली बार स्थानीय किसानों को लिक्विड नैनो यूरिया का इस्तेमाल करने का अवसर मिलने जा रहा है। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के हस्तक्षेप से गुजरात से 15000 बोतल लिक्विड नैनो यूरिया मंगवाया गया है, जो परंरागत यूरिया के 675 मीट्रिक टन के बराबर है। उपराज्यपाल ने इफको (इंडियन फार्मस फर्टिलाइजर कोआपरेटिव लिमिटेड) को जम्मू कश्मीर में लिक्विड नैनो यूरिया उत्पादन का एक बड़ा सयंत्र स्थापित करने के लिए भी आमंत्रित किया है। उन्होंने कहा कि इसके लिए प्रदेश सरकार सभी प्रकार से मदद करेगी।
कलोल, गुजरात से जम्मू कश्मीर के लिए रवाना हुई लिक्विड नैनो यूरिया की 15000 बोतल 675 मीट्रिक टन पंरपरागत यूरिया के बराबर है। जम्मू और कश्मीर संभाग के किसानों में बराबरी के आधार पर 7500-7500 बोतल लिक्विड नैनो यूरिया बांटा जाएगा।
उन्होने ने कहा कि नैनो यूरिया के इस्तमाल से कृषि लागत घटेगी। इससे सब्सिडी की जरूरत भी नहीं पड़ेगी और सरकार इस तरह 27 हजार करोड़ रुपये बचाएगी और किसानों को भी 28 हजार करोड़ का लाभ पहुंचाएगी। और उन्होने कहा कि 60 हजार हेक्टरेय में फैली बासमती की कृषि भूमि को और अधिक उत्पादक बनाया जाएगा। जारी वित्त वर्ष के दौरान हमने 7.5 लाख किसानों को 16 करोड़ की लागत पर बढिय़ा बीज उपलब्ध कराने का फैसला किया है। इस पूरे अभियान के दौरान किसानों को जैविक कृषि अपनानेे लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
- लिक्विड नौनो यूरिया जमीन की उर्वरा शक्ति को बनाए रखता है।
- एक बोतल नैनो यूरिया की कीमत 45 किलो परंपरागत यूरिया की कीमत से लगभग 10 फीसद कम
- पर्यावरण को संरक्षित करता है। लोगों की सेहत पर भी नहीं पड़ता है बुरा असर।
- आधा लीटर लिक्विड नैनो यूरिया एक बोरी खाद के बराबर
- पहाड़ों पर किसान यूरिया की बोरी उठाकर ले जाने के बजाय अब हाथ में आधा लीटर नैनो यूरिया लेकर जाएंगे।