गरीब कल्याण रोजगार अभियान (जीकेआरए) के तहत बड़े पैमाने पर ढांचा तैयार किए गए हैं जिनमें 1,37,787 जल संरक्षण ढांचा, 4,31,640 ग्रामीण घर, 38,287 मवेशियों के लिए शेड, 26,459 पोखरा, और 17,935 सामुदायिक स्वच्छता परिसर शामिल हैं। अभियान के दौरान जिला खनिज निधि के माध्यम से 7,816 काम किए गए हैं। 2,123 ग्राम पंचायतों में इंटरनेट कनेक्टिविटी मुहैया कराई गई है। ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन से संबंधित कुल 22,592 कार्य किए गए हैं जबकि कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) के माध्यम से 65,374 उम्मीदवारों को कौशल प्रशिक्षण मुहैया कराया गया है।

अभियान के 16वें सप्ताह तक कुल 33 करोड़ कार्य-दिवस का रोजगार मुहैया कराया गया और अब तक अभियान के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए 33,114 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।

कोविड-19 संकट के चलते अपने गांव लौटने वाले प्रवासी श्रमिकों और ग्रामीण इलाकों में इससे प्रभावित नागरिकों को रोजगार और आजीविका के अवसर मुहैया कराने के मकसद से गरीब कल्याण रोजगार अभियान को शुरू किया गया था। उन छह राज्यों में यह अभियान मिशन मोड की तरह काम कर रहा है, जहां श्रमिक अपने पैतृक गांव लौटे हैं। इन राज्यों के 116 जिलों में यह अभियान आजीविका के अवसरों के साथ ग्रामीणों को सशक्त बना रहा है।

अभियान की सफलता को अब तक 12 मंत्रालयों/विभागों और राज्य सरकारों के अभिन्न प्रयासों के रूप में देखा जा सकता है, जो प्रवासी श्रमिकों और ग्रामीण समुदायों को इतने बड़े पैमाने पर लाभ मुहैया करा रहे हैं। उन लोगों के लिए रोजगार और आजीविका के अवसर मुहैया कराने के मकसद से दीर्घकालीन पहल की जा रही है जिन्होंने वापस गांव में ही रहने का फैसला कर लिया है।

स्रोत