केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने कहा कि भारत दुनिया भर में जेनेरिक दवाओं के सबसे बड़े निर्माताओं और निर्यातकों में शामिल है। उन्होंने कहा कि प्रारंभिक चरण में, आपातकालीन मामलों में एचसीक्यू और एज़िथ्रोमाइसिन को कोविड-19 के उपचार हेतु दवाओं में से एक के रूप में चिन्ह्ति किया गया था। दुनिया भर में 120 से अधिक देशों में भारत द्वारा इन दवाओं की आपूर्ति के बारे में उन्होंने कहा कि भारत ने दवाओं के विश्वसनीय आपूर्तिकर्ता के रूप में ख्‍याति अर्जित की है

उन्होने  ने बताया कि भारत एकमात्र ऐसा देश है, जहां अमरीका के बाहर यूएसए-एफडीए के अनुपालन वाले सबसे अधिक फार्मा प्लांट्स (एपीआई सहित 262 से अधिक) हैं, जो अमेरिका एवं यूरोप जैसे उच्‍च मानकों वाले देशों सहित विभिन्न देशों में 20 बिलियन डॉलर मूल्य के फार्मा उत्पादों का निर्यात करते हैं।

उन्होने  ने कल देर शाम फिक्की द्वारा आयोजित एलईएडीएस 2020 के दौरान ‘रीइमेजनिंग डिस्टेंस’ पर वर्चुअल लैटिन अमेरिका और कैरेबियन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि 2024 तक भारतीय फार्मा उद्योग का कारोबार 65 बिलियन डॉलर का हो सकता है।

उन्होने  ने कहा, “हमने हाल ही में देश भर में सात मेगा पार्क- तीन बल्क ड्रग पार्क और चार मेडिकल डिवाइस पार्क विकसित करने की योजनाएं शुरू की हैं।

नए निर्माता प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना के लिए पात्र होंगे, जिसके तहत वे पहले 5-6 वर्षों के लिए अपनी बिक्री के आधार पर वित्तीय प्रोत्साहन के लिए पात्र होंगे।”

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