भारतीय नौसेना ने इंडोनेशियाई पनडुब्बी केआरआईएन नांग्गला की खोज और बचाव प्रयासों में टेंटारा नेसिऑनल इंडोनेशिया- अंगकटान लुट (टीएनआई एएल- इंडोनेशियाई नौसेना) की सहायता के लिए गुरुवार को अपने डीप सबमर्जेंस राहत पोत (डीएसआरवी) को भेजा। इंडोनेशियाई पनडुब्बी केआरआई नांग्गला के बुधवार दिनांक 21 अप्रैल 2021 को लापता होने की सूचना मिली थी।

दिनांक 21 अप्रैल को भारतीय नौसेना को लापता इंडोनेशियाई पनडुब्बी के बारे में अंतरराष्ट्रीय सबमरीन एस्केप और बचाव संपर्क कार्यालय (आईएसएमईआरएलओ) के माध्यम से अलर्ट प्राप्त हुआ था। पनडुब्बी 53 कर्मियों के एक दल के साथ बाली के 25 मील उत्तर में एक स्थान में अभ्यास रत थी।

रक्षा मंत्री की अपने इंडोनेशियाई समकक्ष के साथ टेलीफोन पर बातचीत। रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने आज इंडोनेशिया के रक्षा मंत्री जनरल प्राबोवो सुबियांतो से टेलीफोन पर बातचीत की।

रक्षा मंत्री ने कहा, लापता इंडोनेशियाई पनडुब्बी नांग्गला के बारे में सुनकर बेहद दुखी हूँ जिसमें चालक दल के 53 सदस्य सवार थे। रक्षा मंत्री के रूप में मैं इस पीड़ा को महसूस कर सकता हूं। मैं इंडोनेशियाई के बचाव प्रयास में भारतीय सशस्त्र बलों के पूर्ण सहयोग का आश्वासन देना चाहूंगा।”

“मैंने पहले ही भारतीय नौसेना को डीप सबमर्जेंस रेस्क्यू वेसल (डीएसआरबी) को इंडोनेशिया की ओर भेजने का निर्देश दिया है। मैंने भारतीय वायु सेना से हवाई मार्ग के जरिये डीएसआरबी शामिल करने की व्यवहार्यता देखने को कहा है।’’

“भारत हमेशा से जरूरत के समय में अपने सामरिक सहयोगियों की मदद को प्रतिबद्ध है। एक सफल बचाव अभियान के लिए मेरी सोच और शुभकामनाएं स्वीकार करें।जनरल प्रबोवो सुबिआन्तो ने इसे स्वीकार किया और उनके देश को भारत के सहयोग की सराहना की।

पनडुब्बी के लापता होने या डूबने की सूचना मिलने पर बचाव के लिए पानी के नीचे खोज के लिए विशेष उपकरणों की आवश्यकता होती है।

भारत दुनिया के कुछ चुनिंदा देशों में शामिल है जो डीएसआरवी की मदद से निष्क्रिय पनडुब्बी की तलाश कर सकता है। भारतीय नौसेना की डीएसआरवी प्रणाली अपने अत्याधुनिक साइड स्कैन सोनार (एसएसएस) और रिमोटली ऑपरेटेड व्हीकल (आरओवी) का उपयोग करते हुए 1000 मीटर गहराई तक पनडुब्बी का पता लगा सकती है। पनडुब्बी का सफलतापूर्वक पता लगाने के बाद डीएसआरवी का एक उप मॉड्यूल- सबमरीन रेस्क्यू व्हीकल (एसआरवी) डूबी पनडुब्बी के पास फंसे हुए लोगों को बचाने के लिए जाता है। एसआरवी का इस्तेमाल पनडुब्बी में फंसे लोगों को आपात आपूर्ति करने के लिए भी किया जा सकता है।

भारत और इंडोनेशिया के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी के तहत दोनों देशों की नौसेना के बीच परिचालन में मजबूत सहयोग एवं साझेदारी है। दोनों देशों की नौसेनाएं अतीत में नियमित रूप से युद्धाभ्यास करती रही हैं और उन्होंने तालमेल और अंतरसंचालनीयता का विकास किया है जिसे वर्तमान मिशन के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।

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