भारत के अनेक प्रमुख शैक्षणिक संस्थान जल्दी ही देश में सुपरकंप्यूटिंग बुनियादी ढांचा स्थापित करने के लिए स्वदेशी असेम्बलिंग और विनिर्माण में भागीदार बनेंगे और कम लागत पर सुविधाएं उपलब्ध कराएंगे।

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत सेंटर फोर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कम्प्यूटिंग (सी-डैक) ने 12 अक्टूबर, 2020 को आयोजित वर्चुअल समारोह में असेम्बली के साथ सुपरकंप्यूटिंग बुनियादी ढांचा स्थापित करने, भारत में विनिर्माण करने और राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन के महत्वपूर्ण घटकों के लिए देश के प्रमुख शैक्षणिक और अनुसंधान एवं विकास संस्थानों के साथ कुल 13 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए।

प्रमुख संस्थानों के साथ समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर होने से आत्मनिर्भर भारत का अस्तित्व परिलक्षित होता है। उन्होंने विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा सेंटर फोर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कम्प्यूटिंग (सी-डैक) तथा राष्ट्रीय विज्ञान संस्थान बेंगलुरु के माध्यम से राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन में की गई प्रगति पर संतोष व्यक्त किया।

उन्होने कहा  हे की 13 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर होना यह दर्शाता है कि मिशन की गति में काफी बढ़ोतरी हुई है और इससे कंप्यूटिंग सुविधा को बहुत बढ़ावा मिला है। उन्होंने कहा कि पिछले 5 वर्षों में इस मिशन में बड़े बदलाव आए हैं, जिनमें देश में सुपर कंप्यूटरों के हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर के डिजाइन और निर्माण पर जोर दिया गया था। यह वास्तव में एक बहुत अच्छी पहल होगी भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए।

इस मिशन में की गई प्रगति लोगों को सशक्त बनाने, देश को भविष्य के लिए तैयार करने और भविष्य की चुनौतियों से निपटने में सहायता प्रदान करेगी। और हमारा लक्ष्य पूर्ण आत्म-निर्भरता प्राप्त करने के लिए सी-डैक में एक्सास्केल चिप डिजाइन विकसित करना एक्सास्केल सर्वर बोर्डों का डिजाइन और विनिर्माण और सिलिकॉन-फोटोनिक्स सहित एक्सास्केल इंटरक्नेक्ट और भंडारण को विकसित करना है।

इस मिशन में 70 से अधिक उच्च-प्रदर्शन कंप्यूटिंग सुविधाओं वाली एक व्यापक  सुपरकंप्यूटिंग ग्रिड स्थापित करके पूरे देश में हमारे राष्ट्रीय शैक्षणिक और अनुसंधान एवं विकास संस्थानों को सशक्त बनाने की परिकल्पना की गई है। इस मिशन में इन अनुप्रयोगों के विकास की चुनौतियों को पूरा करने के लिए उच्च पेशेवर उच्च कार्य प्रदर्शन कम्प्यूटिंग (एचपीसी) जागरूक मानव संसाधन का विकास भी शामिल है। इस मिशन के कार्यान्वयन से सुपरकंप्यूटिंग देश में बड़े वैज्ञानिक और तकनीकी समुदाय की पहुंच में आ जाएगा और इससे बहु-विषयी बड़ी चुनौतीपूर्ण समस्याओं का समाधान करने की क्षमता से देश समर्थ बनेगा।
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