12,692 करोड़ रुपये की लागत के 200 किलोमीटर से अधिक लंबे राजमार्गों से राज्य की आर्थिक समृद्धि को और अधिक बढ़ावा मिलेगा

19,800 करोड़ रुपये की लागत के एनएच कार्यों को 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य : श्री गडकरी

इस अवसर पर उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री के एक नए भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप, भारत के सबसे बड़े बुनियादी ढाँचे के विकास कार्यक्रम में भारत माला परियोजना जैसी पहल के माध्यम से विश्व स्तरीय परिवहन बुनियादी ढांचे के विकास को प्राथमिकता दी गई है। उन्होंने कहा कि भारत माला परियोजना की परिकल्पना प्रमुख मूल-गंतव्य जोड़ों के बीच माल ढुलाई के वैज्ञानिक अध्ययन के माध्यम से कुशल माल और यात्री आवागमन को सक्षम बनाने के लिए तैयार की गई थी। श्री गडकरी ने बताया कि देश में 35,000 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गों को भारत माला परियोजना के हिस्से के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसमें से 1,234 किलोमीटर के राष्ट्रीय राजमार्गों को केरल राज्य में भारत माला परियोजना के हिस्से के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसके अलावा, 119 किलोमीटर लम्बे तटीय सम्पर्क मार्ग के भारतमाला / सागरमाला योजना के तहत उन्नयन की भी योजना है। कई प्रमुख कॉरिडोर जैसे कि दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे, दिल्ली अमृतसर कटरा एक्सप्रेस वे, चेन्नई – बेंगलुरु एक्सप्रेस वे, आदि को भी भारत माला परियोजना के भाग के रूप में विकसित किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि केरल राज्य में उत्तर से दक्षिण तक पूरी लंबाई को पार करने वाले गलियारे के केरल की जीवन रेखा बनने की उम्मीद है। गलियारे से कासरगोड, थालास्सेरी, कण्नूर, कोझीकोड, एर्नाकुलम, कोच्चि, अलप्पुझा, कोल्लम और तिरुवनंतपुरम जैसे प्रमुख शहरों / कस्बों से सम्पर्क में सुधार हुआ है।

उन्होंने कहा ने कहा कि 11,571 करोड़ रुपये की लागत के 177 किलोमीटर लंबाई की 7 अन्य परियोजनाओं के निर्माण कार्य की स्वीकृत दी गई है और इनका निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। इसमें चेरुथोनी नदी पर उच्च स्तरीय पुल का निर्माण शामिल है, जो 1 जून से 19 अगस्त, 2018 तक दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के मौसम के दौरान प्राकृतिक आपदाओं के कारण पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था। उन्होंने कहा कि सरकार राज्य की आर्थिक समृद्धि को सक्षम बनाने के लिए इन परियोजनाओं को तेज़ी से पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। इन परियोजनाओं से केरल की तस्वीर बदल जाएगी।
उन्होंने कहा ने कहा कि 19,800 करोड़ रुपये की लागत के कार्यो को 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य है, जबकि 5327 करोड़ रुपये की 549 किलोमीटर की कुल लंबाई की 30 परियोजनाएँ कार्यान्वयन के अधीन हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से सड़क विकास के लिए पीपीपी मॉडल पर विचार करने के लिए कहा, जिससे बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिये अधिक पूंजी निवेश प्राप्त होगा।

केरल में सड़कों के लिए बहुत अधिक भूमि अधिग्रहण लागत को रेखांकित करते हुए, रेत को रॉयल्टी मुक्त बनाने का आग्रह किया। उन्होने राज्य जीएसटी से लोहा / स्टील, सीमेंट जैसी अन्य सड़क सामग्री को छूट देने के लिए कहा जिससे केरल के लिए सड़क निर्माण की लागत को कम करने में बहुत मदद मिलेगी।

श्री गडकरी ने राज्य में राजमार्गों पर खतरनाक स्थानों की पहचान करने का आह्वान किया और इसे ठीक करने में मदद की पेशकश की। उन्होंने फिर दोहराया कि सुरक्षित सड़कें दुर्घटनाओं को कम करने और जीवन बचाने के लिए महत्वपूर्ण हैं।

यह परियोजना परिवहन दक्षता में वृद्धि करेगी, परिवहन लागत कम करेगी, ढाँचागत विकास को बढ़ाएगी, जिससे क्षेत्र के समग्र विकास को बढ़ावा मिलेगा। उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने वाली  सड़क से दुर्घटनाओं में कमी आएगी, (कोवलम बीच / वर्कला बीच) पर्यटन के लिये बेहतर सम्पर्क प्रदान किया जा सकेगा, पद्मनाभ स्वामी मंदिर, मादरे दे दियुस चर्च (वेटटुकाडू चर्च), और बेमापल्ली मस्जिद आदि जैसे ऐतिहासिक / धार्मिक स्थानों के लिये और बेहतर सम्पर्क सुनिश्चित हो सकेगा।

राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-66 केरल की जीवन रेखा है जो दक्षिण में तमिलनाडु और उत्तर में कर्नाटक को जोड़ती है और यह कन्याकुमारी मुंबई कॉरिडोर का एक हिस्सा है। यह देश के महत्वपूर्ण आर्थिक गलियारे में से एक है। मुंबई-कन्याकुमारी कॉरिडोर के महत्वपूर्ण हिस्से के रूप में, यह राज्य की आर्थिक समृद्धि में वृद्धि करेगा। आंशिक पहुंच के लिये नियंत्रित मार्गे के 4/6 लेन में बदलने से यातायात बाधामुक्त होगा, अंतर्राज्यीय सम्पर्क तेज़ और बाधामुक्त होगा, कोझीकोड, कोच्चि जैसे व्यापारिक केंद्रों के लिये विशेष रूप से लाभकारी साबित होगा, कृषि और मत्स्य पालन क्षेत्र का काया पलट होगा, केरल मसालों की वस्तुओं के व्यापार के अवसरों का परिदृश्य ही बदल जायेगा।

अन्य लाभों में सड़क-बंदरगाह परिवहन के बीच बेहतर तालमेल शामिल है, जो पोर्ट-लेड डेवलपमेंट ’को आगे बढ़ाएगा। यह राज्य के पर्यटन क्षेत्र को मजबूत करने और बड़ी संख्या में रोजगार और स्व-रोजगार के अवसरों की दिशा में एक प्रमुख प्रगति है। नई परियोजनाएं विभिन्न पर्यटन स्थलों, ऐतिहासिक स्थानों और धार्मिक स्थानों को बेहतर सम्पर्क प्रदान करेंगी। एनएच 66 को चौडा करना सभी केरलवासियों का दीर्घ-कालिक सपना है। केरल की जीवन रेखा एनएच 66 को चौडा करने के परिणामस्वरूप अन्य बुनियादी ढांचे का भी विकास होगा।

नई परियोजनाएं क्षेत्र के अकुशल, अर्ध-कुशल और कुशल जनशक्ति को रोजगार भी प्रदान करेंगी। ये अविभाजित राजमार्गों पर दुर्घटनाओं को कम करने और यात्रा के समय को कम करने के साथ ही वाहनों की रखरखाव लागत और ईंधन की बचत से सुरक्षित यातायात की दिशा में सुधार करेंगे। परियोजना के कार्यान्वयन से इलाके की सामाजिक-आर्थिक स्थिति समृद्द होगी। परियोजनाओं से कृषि वस्तुओं के परिवहन में सुधार होगा और अधिक से अधिक बाजारों तक पहुंच सम्भव होगी, जिससे वस्तुओं और सेवाओं की लागत कम होगी।

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