रॉयल बुलेट में प्रकाशित

बनारस रेल इंजन कारखाना के न्यू लोको टेस्ट शॉप (कारखाना परिसर) में गुरूवार को आयोजित एक सादे समारोह में कारखाना में वित्तीय वर्ष में निर्मित 200वें रेल इंजन वैप-7 ‘आशा किरण’ को राष्ट्र की सेवा में समर्पित किया गया। बरेका की महाप्रबंधक की पहल पर आज ही सेवानिवृत होने वाले एमसीएम क्रेन ऑपरेटर केडी उपाध्याय और एमसीएम कारपेंटर यूएसएचपी यादव ने विधिवत पूजन के बाद हरी झंडी दिखाकर इंजन को रवाना किया।

महाप्रबंधक की इस पहल की कर्मचारियों ने भी जमकर सराहना की। इस दौरान महाप्रबंधक ने सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को उनके उत्‍कृष्‍ट प्रदर्शन की जमकर सराहना के बाद बधाई दी। कोविड काल में कम कार्य दिवस होने के बावजूद कर्मचारियों ने इस वित्तिय वर्ष में एक जनवरी से लेकर 31 दिसम्बर तक 200 विद्युत रेल इंजनों का निर्माण कर एक नया कीर्तिमान स्‍थापित किया है। कोविड-19 के कारण जो उत्‍पादन की क्षति हुई थी न केवल उसे पूरा किया। वरन पिछले वर्ष की तुलना में 5 अतिरिक्‍त इंजनों का निर्माण किया है।

अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने कड़ी मेहनत एवं लगन से इस वित्तिय वर्ष के 255 विद्युत रेल इंजनों के निर्माण के लक्ष्य का पीछा कर 187 कार्य दिवसों में ही 200 विद्युत रेल इंजनों का निर्माण करने में सफलता पाई। 6000 अश्वशक्ति के इस रेल इंजन को दक्षिण पूर्व मध्‍य रेलवे के भिलाई विद्युत लोको शेड को भेजा जा रहा है। प्रधानमंत्री के आत्म निर्भर भारत मिशन के तहत इन इंजनों के निर्माण में लगभग 98 फीसद स्वदेशी उपकरणों का प्रयोग हुआ है। इससे एमएसएमई और घरेलू विनिर्माण क्षेत्र को बड़े पैमाने पर सहायता मिल रही है।

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