नयी दुनिया में प्रकाशित
स्वयं में अगर कुछ गुजरने का हौसला हो तो हर विषम परिस्थितियों पर विजय हासिल कर कर कोई भी व्यक्ति आगे बढ़ सकते हैं। यह कहना है कृषक नगर जोरा ग्राम धरमपुरा के मिथलेश कुमार साहू का। मिथलेश ने एम.ए. तक की पढ़ाई सिर्फ इस उम्मीद से की थी कि, उन्हें सरकारी नौकरी मिल जाएगी, किन्तु उनके अथक प्रयत्नों तथा कठिन प्रतियोगी परीक्षाओं के कारण वे प्रतिस्पर्धाओं में सफल नहीं हों पाए।
वो अपने परिवार में माता-पिता और दो बहनों के साथ रहते हैं। पिता के पास एक बाड़ी है जो उनके परिवार के एक मात्र आय का साधन था जिससे वे कठिनाई से अपने परिवार का भरण पोषण कर पाते थे। ऐसी परिस्थितियों के बीच उन्हें उम्मीद जागी कि क्यों न व्यवसाय करके आर्थिक सफलता की राह पर चला जाए तथा परिवार और समाज में एक मुकाम हासिल की जाए। इस दौरान उन्हे मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार और इनके माध्यम से बेरोजगारों को मिलने वाले ऋण एवं सबसिडी की जानकारी मिली। मिथलेश ने योजना का लाभ लेकर किराना दुकान चलाने का निर्णय लिया।
मिथलेश को कृषक नगर जोरा के युको बैंक से 2 लाख रुपये का ऋण स्वीकृत हुआ। उन्हें 30 हजार रुपये का अनुदान भी मिला। मिथलेश की जिन्दगी से सरल और सफल बनी। इस दुकान में उनके पिता जी भी हाथ बंटाते हैं। वे नियमित रूप से प्रतिमाह ऋण एवं ब्याज की किस्त जमा कर रहे है और लगभग 20 – 30 हजार रुपये स्वयं प्रतिमाह का आय अर्जित कर रहे हैं। उनका मानना है उनका परिवार अब किसी पर निर्भर नहीं है।
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना जैसी योजनाओं का बेरोजगारी दूर करने में अहम योगदान है। इस योजना ने उन्हें आत्म सम्मान से जीने का मौका दिया है। उनका युवाओं से कहा कि कहीं भी नौकरी कर एक निश्चित आय अर्जित करने के बजाय यदि आप आय में बढ़ोत्तरी करना चाहते हैं तो व्यवसाय की ओर ध्यान देना चाहिए।