विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने सोमवार को बताया कि सीएसआईआर-भारतीय रासायनिक प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईसीटी) के वैज्ञानिक डॉ. एस. श्रीधर को मेम्ब्रेन प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उनके शोध के लिए प्रतिष्ठित रॉयल सोसाइटी ऑफ केमिस्ट्री (एफआरएससी), लंदन के फेलो के रूप में शामिल किया गया है। शोध वैज्ञानिक के रूप में अपने 26 वर्षों के लंबे कार्यकाल में, उन्होंने रासायनिक और संबद्ध उद्योगों के लिए कई तकनीकों का विकास और हस्तांतरण किया, साथ ही सामाजिक कल्याण में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया।
मंत्रालय ने कहा, “उनके करियर की प्रमुख उपलब्धियों में फार्मास्युटिकल, स्टील, टेक्सटाइल, एरोमा केमिकल्स और पेट्रोकेमिकल उद्योगों में सॉल्वेंट रिकवरी, एफ्लुएंट ट्रीटमेंट और गैस शुद्धिकरण के लिए 500-5000 लीटर/घंटा की क्षमता वाले इलेक्ट्रोडायलिसिस, नैनोफिल्ट्रेशन, गैस परमिटेशन और रिवर्स ऑस्मोसिस पर आधारित कई मेम्ब्रेन पायलट प्लांट की कमीशनिंग शामिल है।”
कोविड-19 से निपटने के लिए डॉ. श्रीधर ने कम लागत वाले नए मल्टीलेयर वॉशेबल मास्क बनाए, जिन्हें स्कूली बच्चों और फ्रंटलाइन वर्कर्स सहित 6 लाख से ज़्यादा लोगों को मुहैया कराया गया। इन मास्क से एनजीओ को 2 करोड़ रुपये का राजस्व मिला और 500 वरिष्ठ नागरिकों और महिला स्वयं सहायता समूहों को रोज़गार मिला।
उन्होंने ने 53 एच-इंडेक्स वाली प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में 181 शोध पत्र प्रकाशित किए हैं। उन्हें 2021, 2022 और 2023 में स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी, यूएसए और एल्सेवियर साइंस पब्लिशर्स द्वारा दुनिया भर के शीर्ष 2 प्रतिशत वैज्ञानिकों में स्थान दिया गया है। उनके नाम 15 पेटेंट, 4 पुस्तकें और 50 पुस्तक अध्याय हैं।
उन्होंने 70 प्रतिष्ठित विज्ञान पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं, जिनमें सीएसआईआर युवा वैज्ञानिक पुरस्कार 2007, स्कोपस युवा वैज्ञानिक पुरस्कार 2011, एनएएसआई रिलायंस इंडस्ट्रीज प्लेटिनम जुबली पुरस्कार 2013, आईआईटी-रुड़की से 2015 में वीएनएमएम पुरस्कार, 2016 से 2020 तक पांच सीआईपीईटी राष्ट्रीय पुरस्कार, 2017 में आईआईटी-खड़गपुर से नीना सक्सेना उत्कृष्टता प्रौद्योगिकी पुरस्कार, 2019-21 के लिए तीन एचपीसीएल एनजीआईसी पुरस्कार, सात आईआईसीएचई पुरस्कार और एसोचैम पुरस्कार 2023 शामिल हैं।