दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग (डीईपीडब्ल्यूडी) और हंस फाउंडेशन के तहत राष्ट्रीय बौद्धिक दिव्यांगजन सशक्तिकरण संस्थान (एनआईईपीआईडी) ने आज मोबाइल थेरेपी बस पहल की शुरुआत की घोषणा की। इस परिवर्तनकारी कार्यक्रम का उद्देश्य नोएडा, गाजियाबाद, कोलकाता और मुंबई में पांच मोबाइल थेरेपी बसों की तैनाती के माध्यम से हाशिए के समुदायों में दिव्यांग बच्चों की अनूठी जरूरतों को पूरा करना है।
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सचिव (डीईपीडब्ल्यूडी) श्री राजेश अग्रवाल उपस्थित थे। अन्य उल्लेखनीय उपस्थित लोगों में हंस फाउंडेशन में कार्यक्रम और रणनीतिक पहल के निदेशक श्री सुदीप सिन्हा और एनआईईपीआईडी के निदेशक डॉ. बी वी राम कुमार शामिल थे।
प्रत्येक मोबाइल थेरेपी बस, जिसे गहन और जीवन बदलने वाली सेवाएं प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, से लगभग 14,000 दिव्यांग लोगों तक पहुँचने की उम्मीद है। इस पहल के लिए पूंजीगत व्यय और बुनियादी ढांचे के लिए प्रति बस ₹2 करोड़ के शुरुआती निवेश की आवश्यकता है, साथ ही निरंतर रखरखाव, स्टाफिंग और परिचालन दक्षता सुनिश्चित करने के लिए ₹1.2 करोड़ का वार्षिक परिचालन बजट भी चाहिए।
अपने पहले वर्ष में ही मोबाइल थेरेपी बस पहल ने उल्लेखनीय प्रगति प्रदर्शित की है। आज तक, कुल 5,222 विकलांग बच्चों का पंजीकरण और जांच की गई है, तथा उन्हें व्यापक स्वास्थ्य सेवा और परामर्श सेवाएं प्रदान की गई हैं।