केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने आज तेलंगाना में वर्चुअल माध्‍यम से 14 राष्‍ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इन परियोजनाओं में 13,169 करोड़ रुपये लागतवाली 765.663 किलोमीटर लंबी सड़कों का निर्माणभी शामिल है। बताया कि पिछले 6 वर्षों के दौरान तेलंगाना में 17,617 करोड़ रुपये की लागत वाली 1918 किलोमीटर अनुमोदित लम्‍बीकुल 59 सड़कों के निर्माण कार्यों की मंजूरी दी गई है। इनमें से 15,689 करोड़ रुपये लागत वाली 1,782 किलोमीटर लंबी सड़कों के निर्माण की स्‍वीकृति पहले ही दी जा चुकी है। उन्होंने कहा कि आज राज्य के लगभग सभी 33 जिले राष्ट्रीय राजमार्गों से जुड़ गए हैं। बाकी बचे पेद्दापल्ली जिले को भी जल्द ही सड़क नेटवर्क से जोड़ा जाएगा।

उन्‍होंने कहा कि राज्य में पिछले 6 वर्षों के दौरान राष्‍ट्रीय राजमार्गों की लम्‍बाई में 55.71 प्रतिशत की अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि राज्य में इस अवधि के दौरान राष्‍ट्रीय राजमार्गों की लम्‍बाई में लगभग 1400 किलोमीटर बढ़ोतरी हुई है। सीआरआईएफ योजना के तहतराज्य के लिए अब तक 2,436 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की गई है, जिसमें से 1483 करोड़ रुपये पहले ही जारी किए जा चुके हैं। उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री के नये भारत के विजन के अनुरूप‘भारतमाला परियोजना’ जैसी पहलों के माध्‍यम से विश्‍वस्‍तरीय परिवहन बुनियादी ढांचे के विकास को प्राथमिकता दी गई है। यह भारत का अब तक का सबसे बड़ा बुनियादी ढांचे का विकास कार्यक्रम है।

इस परियोजना को कुशल माल ढुलाई और यात्री आवाजाही को सक्षम बनाने के लिए मुख्‍य मूल-गंतव्‍य स्‍थलों के बीच माल यातायात की आवाजाही के वैज्ञानिक अध्‍ययन के माध्‍यम से तैयार किया गया था। तेलंगाना राज्य में ‘भारतमाला’परियोजना के तहत विकास के लिए 1,730 किलोमीटर लम्‍बी परियोजनाओं की पहचान की गई है। ऐसी 14 परियोजनाओं में से423 किलोमीटर लम्बाई की 9 परियोजनाओं का निर्माण कार्य सौंपा जा चुका है। इन परियोजनाओं की निर्माण लागत 7,400 करोड़ रुपयेहै।

तेलंगाना में मौजूदा गलियारे में यातायात को आसान बनाने, यात्रा में लगने वाले समय और लागत को कम करने तथा अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए ग्रीनफील्ड और पहुंच-नियंत्रित गलियारे के विकास की भी योजना बनाई गई है। इसमें निम्‍नलिखित शामिल हैं:

  • सूरत, अहमदनगर, सोलापुर, कुरनूल, चेन्नई (तेलंगाना में 75 किमी लंबाई)
  • सूर्यपेट – खम्मम – देवरपल्ले (तेलंगाना में 164 किमी लंबाई)
  • इंदौर – हैदराबाद (तेलंगाना में 136 किमी लंबाई)

इन गलियारों के निर्माण से मौजूदा मार्गों पर यातायात में आसानी होगी और इनसे यात्रा में लगने वाले समय तथा ईंधन की खपत में कमी के कारण अधिक बचत होगी और इससे कार्बन फुटप्रिंट घटाने में भी मदद मिलेगी। यात्रा को आरामदायक बनाने के लिए गलियारों में विविध सड़क मार्ग सुविधाओं का विकास भी किया जा रहा है। गलियारों की पूरी पहुंच की योजना बनाई गई है, जिससे यात्रा करने वालों की गतिशीलता और सुरक्षा बढ़ाने में मदद मिलेगी। इन गलियारों के विकास से व्‍हाइट कॉलर और ब्‍लू-कॉलर दोनों तरह के रोजगार पैदा होगीऔर इससे अर्थव्यवस्था को आवश्‍यक बढ़ावा मिलेगा।

सरकार ने राज्य से आर्थिक उत्पादकता के लिए कृषि में विविधता लाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि देश में पहले ही चीनी और चावल का अत्‍याधिक उत्पादन हो रहा है और सरकार के पास इनका पर्याप्त भंडार उपलब्ध है। अधिशेष भंडार से इथेनॉल बनाया जा सकता है जिसका वाहनों के लिए वैकल्पिक ईंधन के रूप में भी उपयोग किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इससे न केवल किसानों की आय में सुधार होगा, बल्कि यह देश के लिए ईंधन का स्वदेशी संसाधन स्रोत भी होगा।

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