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महिलाएं अब सोलर लैंप और सोलर दीपक बनाएंगी। इसके लिए महिलाओं को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। सोलर एनर्जी स्वराज यात्रा बाचा पहुंची। यहां सोलर मैन डॉ. चेतन सिंह सोलंकी ने सोलर कुकिंग सिस्टम के बारे में ग्रामीणों से चर्चा की। गांव की महिलाओं ने बताया कि सोलर कुकर से उन्हें खाना बनाने में बहुत सुविधा हुई है, अब उन्हें जंगल से लकड़ी नहीं लाना पड़ती है।

स्वसहायता समूह की महिलाओं से चर्चा करते हुए चेतन सिंह ने कहा कि पर्यावरण को बचाने और कार्बन उत्सर्जन को कम करने सौर ऊर्जा को जन-जन तक पहुंचाने के लिए जन जागरण कर सोलर बस में 2030 तक घर न जाने का व्रत लिया है। वहीं इस दाैरान पूरे भारत और अन्य देशों के भ्रमण पर रहेंगे। बहुत ही आसान तरीके से सोलर उपकरण कैसे तैयार कर सकते हैं इसकी जानकारी उन्होंने ग्रामीणों को दी। भविष्य में सोलर लैंप और सोलर दीपक बनाने का प्रशिक्षण बाचा की महिलाओं को दिया जाएगा।

जेएच कॉलेज बैतूल में ईको क्लब ने सोलर ऊर्जा कार्यशाला का आयोजन किया। कार्यक्रम संयोजक डॉ. अलका पांडे ने माइक्रो बॉयोलॉजी लैब को सौर ऊर्जा से संचालित करने का संकल्प लिया। इस दौरान 500 छात्र-छात्राओं को सोलर लैंप बनाने का प्रशिक्षण दिलाकर आत्मनिर्भर बनाने का निर्णय लिया। इस अवसर पर डॉ. चेतन सिंह सोलंकी ने कहा मनुष्य भगवान की सुंदर कृति है, जिसने अपने सुख की लालसा में कई आधारभूत गलतियां की है जिससे आज उसका स्वयं का ही अस्तित्व खतरे में आया गया है। इसके लिए हमें आत्मनिर्भर बनने तथा ऊर्जा का कम से कम दोहन करना होगा। उन्होंने सौर ऊर्जा के उपयोग पर अधिक जोर दिया साथ ही इसके अंधाधुंध उपयोग न करने की सलाह दी।

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