कम लागत वाला श्रीचित्रा वाल्व इस बात का उदाहरण है कि कैसे नवप्रवर्तन पारिस्थितिकी तंत्र का सफल कार्यान्वयन भारत को रूमेटिक हृदय रोग से निपटने में सहायक बन रहा है और स्वस्थ भारत की दिशा में देश की प्रगति में योगदान दे रहा है। जबकि पहले चित्रा हार्ट वाल्व को 1990 में एक रोगी में सफलतापूर्वक प्रत्यारोपित किया गया था, बाद में इस उत्पाद में सुधार और बड़े पैमाने पर किए गए प्रयासों के कारण लगभग 2,00,000 उपकरणों का नैदानिक उपयोग किया गया, जिनकी सफलता दर आज बाजार में किसी भी अन्य हृदय वाल्व के बराबर थी।
रूमेटिक हृदय रोग, जिसके कारण कृत्रिम प्रतिस्थापन (प्रोस्थेटिक रिप्लेसमेंट) की आवश्यकता वाले हृदय वाल्व क्षतिग्रस्त हो जाते हैं, भारत में अब भी एक चुनौती है। 1980 के दशक में, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के अनुमान के आधार पर, प्रत्येक 1000 बच्चों में से 6 को रूमेटिक बुखार था और वाल्वुलर रोग के खतरे में 12 लाख की युवा जनसंख्या थी। जो वाल्व इस रोग का समाधान हैं, उन्हें बहुत अधिक मूल्य पर आयात करने की आवश्यकता थी और ये सभी के लिए किफायती भी नहीं थे।
कम लागत वाले स्वदेशी कृत्रिम हृदय वाल्वों के लिए भारत की आवश्यकता के प्रत्युत्तर में विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के एक स्वायत्त संस्थान, श्री चित्रा तिरुनल इंस्टीट्यूट फॉर मेडिकल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी (एससीटीआईएमएसटी) ने इनके विकास की चुनौती स्वीकारने के लिए एक बहु-विषयक टीम को एक साथ रखा।
तदनुसार वाल्व विकसित कर लिया गया था, और इसका पहला प्रत्यारोपण 1990 में किया गया था। उसके बाद से वह रोगी अब तक लगभग तीन दशक का स्वस्थ जीवन पूरा कर चुका है, फिर भी बेहतर कामकाज और स्थायित्व सुनिश्चित करने के लिए इस प्रकार के वाल्व में समय के साथ सुधार किया गया है।
पहली पीढ़ी के चित्रा हृदय वाल्व मॉडल में एक अल्ट्राहाई आणविक भार पॉलीथीन (यूएचएमडब्ल्यू-पीई) डिस्क थी; एक हेन्स-25 मिश्र धातु का प्रकोष्ठ और पॉलीथीन टेरेफ्थेलेट (पीईटी)रेशे की बुनाई से निर्मित एक सिलाई छल्ला(स्यूइंग रिंग) है। इसके डिज़ाइन की बुनियादी विशेषताओं में फ्री फ्लोटिंग डिस्क शामिल है जो हिंज क्षेत्र के चारों ओर थ्रोम्बोसिस गठन की समस्या को कम करने के साथ-साथ एक बड़ी सतह पर इसके कामकाज के दौरान उत्पन्न घर्षण (वियर) को समान रूप से वितरित करने के लिए अपनी केंद्रीय धुरी पर घूम सकती है; इसमें उन्नत हेमोडायनामिक्स के लिए इनलेट साइड फ्लैट के साथ एक प्लैनोकोनवेक्स डिस्क है ; साथ ही अन्य यांत्रिक वाल्वों की तुलना में इसमें वाल्व को बंद करने के दौरान कम प्रभाव पड़ता है, जिससे संचालन के दौरान ध्वनि का स्तर कम होने के साथ ही ऊतक धातु इंटरफ़ेस में गड़बड़ी भी कम हो जाती है तथा इसमें नरम यूएचएमडब्ल्यूपीई डिस्क सामग्री के चयन से गुहिकायन क्षति (कैविटेशन डैमेज) की संभावना भी कम हो गई है ।