डाक विभाग (डीओपी) और इंडिया पोस्ट पेमेन्ट्स बैंक (आईपीपीबी) ने आज एक वर्चुअल कार्यक्रम के माध्यम से ‘डाकपे’ नाम के एक नए डिजिटल पेमेन्ट ऐप को लॉन्च किया। देशभर के प्रत्येक नागरिक और विशेषरूप से अंतिम छोर पर मौजूद लोगों तक वित्तीय सेवाएं उपलब्ध कराने के अपने प्रयासों के तहत इस ऐप को लॉन्च किया गया।

‘डाकपे’ केवल एक डिजिटल पेमेन्ट ऐप नहीं है, बल्कि देशभर में फैले डाक विभाग के व्यापक नेटवर्क के माध्यम से इंडिया पोस्ट और आईपीपीबी द्वारा प्रदान की जाने वाली डिजिटल वित्तीय और सहायक बैंकिंग सेवाओं का एक समूह है, जिसका उद्देश्य समाज के विभिन्न वर्गों की वित्तीय ज़रूरतों को पूरा करना है। अपने प्रियजनों को पैसा भेजना (डोमेस्टिक मनी ट्रांसफर-डीएमटी), क्यूआरकोड को स्कैन कर विभिन्न सेवाओं के लिए दुकानदार को भुगतान करना (यूपीआई सुविधा और वर्चुअल डेबिट कार्ड), बायोमेट्रिक के माध्यम से नकदरहित व्यवस्था को सक्षम बनाना, किसी भी बैंक के ग्राहकों को अंतर-बैंकिंग सेवाएं प्रदान करना(एईपीएस), ज़रूरी सेवाओं के बिलों का भुगतान जैसी तमाम सेवाओं का लाभ इस ऐप के माध्यम से लिया जा सकता है।

कोविड-19 के दौरान एईपीएस के माध्यम से घर-घर जाकर लोगों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए इंडिया पोस्ट पेमेन्ट्स बैंक की सराहना की। उन्होंने कहा कि आईपीपीबी के इस प्रयास से बैंक की पहुंच से दूर या जिनका बैंक में खाता नहीं है, उनको वित्तीय रूप से सशक्त बनाने में मदद मिली है।

विधि एवं न्याय मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि “इंडिया पोस्ट राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान अपनी डिजिटल और अन्य सेवाओं के ज़रिए देश की सेवा करने के मामले में समय की कसौटी पर खरा उतरा है। डाकपे ऐप के शुरू होने से हर घर तक पहुंच रखने वाले इंडिया पोस्ट विभाग की विरासत में एक और अध्याय ज़ुड़ गया है। इस नई सेवा से न केवल बैंकिंग और डाक उत्पादों की ऑनलाइन सुविधा तक पहुंच बढ़ेगी, बल्कि इसकी एक ख़सियत ये है कि इसके माध्यम से ग्राहक डाक विभाग की वित्तीय सेवाओं का ऑनलाइन ऑर्डर करने के अलावा अपने घर पर ही इन सेवाओं का लाभ ले सकते हैं।

देशभर में फैले डाक विभाग के व्यापक नेटवर्क के जरिए संयुक्त रूप से ऑनलाइन पेमेन्ट और वित्तीय सेवाओं की होम डिलिवरी के रूप में डाक विभाग और आईपीपीबी की ये दोगुना शक्ति वाली सेवाएं प्रधानमंत्री के वित्तीय समावेशन और आत्मनिर्भर भारत अभियान की दिशा में बड़ी उपलब्धि होंगे।” डाकपे पूरी तरह से भारतीय ऐप है, जिसे प्रत्येक भारतीय की वित्तीय ज़रूरतों को पूरा करने के लिए तैयार किया गया है।”हमारा ध्येय- प्रत्येक ग्राहक ज़रूरी, प्रत्येक लेन-देन सफल और प्रत्येक जमापूँजी महत्वपूर्ण है।” इसमें 100 फीसदी हिस्सेदारी भारत सरकार की है

उनको बैंकिंग व्यवस्था से जोड़ने के मार्ग में आने वाली बाधाओं को दूर करना और 1,55,000 डाकघर (1,35,000 ग्रामीण क्षेत्र में) तथा 3,00,000 डाकघर कर्मियों वाले विशाल पोस्टल नेटवर्क के ज़रिए अंतिम छोर पर मौजूद व्यक्ति तक वित्तीय सेवाएं पहुंचाना है। आईपीपीबी की पहुंच और इसके काम करने का तरीका कागज़रहित, नकदरहित और उपस्थिति-रहित सरल और सुरक्षित बैंकिंग व्यवस्था पर टिका है, जिसके अंतर्गत ग्राहकों को उनके घर पर ही बैंकिंग सुविधाएं प्रदान की जाती है। ग्राहकों को ये सुविधाएं सीबीएस-एकीकृत प्रणाली की मदद स्मार्टफोन और बायोमेट्रिक डिवाइस के ज़रिए दी जाती हैं। नवाचार और जनता के लिए बैंकिंग को सरल बनाने पर ध्यान केन्द्रित करते हुए आईपीपीबी 13 भाषाओं में उपलब्ध सहज इंटरफेस के माध्यम से सरल और सस्ती बैंकिंग सुविधाएं प्रदान करता है।

आईपीपीबी कम नकदी वाली अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करने और डिजिटल इंडिया में सकारात्मक योगदान करने के प्रति प्रतिबद्ध है। भारत तभी समृद्ध होगा, जब प्रत्येक नागरिक को वित्तीय रूप से सक्षम और सशक्त होने के समान अवसर मिलेंगे। हमारा ध्येय एकदम स्पष्ट है- प्रत्येक ग्राहक ज़रूरी, प्रत्येक लेन-देन सफल और प्रत्येक जमापूंजी महत्वपूर्ण।”

आईपीपीबी के बारे में अधिक जानकारी के लिए www.ippbonline.com पर क्लिक करें।

स्रोत