केंद्रीय नागरिक उड्डयन और इस्पात मंत्री श्री ज्योतिरादित्य एम सिंधिया ने 14 फ़रवरी को नई दिल्ली से देहरादून हवाई अड्डे के नए टर्मिनल भवन का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी देहरादून से शामिल हुए। अपने उद्घाटन भाषण में उन्होंने  ने कहा, “हवाई अड्डे का संचालन निर्बाध रूप से करने के लिए नए टर्मिनल भवन के निर्माण की योजना दो चरणों में तैयार की गई। टर्मिनल के पहले चरण में 28,729 वर्ग मीटर और दूसरे चरण में 14,047 वर्ग मीटर के चालू होने के बाद, टर्मिनल का समग्र क्षेत्र बढ़कर 42,776 वर्ग मीटर हो चुका है और इस प्रकार से टर्मिनल की कुल क्षमता 10 गुना हो चुकी है।

उन्होंने ने हवाई संपर्क को विकसित करने के लिए किए जा रहे विकासात्मक कार्यों के बारे में विस्तार से कहा, “सरकार उत्तराखंड में तीन हवाई अड्डों यानी देहरादून, पंतनगर, पिथौरागढ़ को अपग्रेड कर रही है और सात हेलीपोर्ट की शुरुआत की गई है, जिनमें अल्मोड़ा, चिन्यालीसौड़, गौचर, सहस्त्रधारा, नई टिहरी, श्रीनगर और हल्द्वानी हेलीपोर्ट शामिल हैं। धारचूला, हरिद्वार, जोशीमठ, मसूरी, नैनीताल और रामनगर हेलीपोर्ट्स का भी विकास किया जा रहा है तथा आने वाले वर्षों में हेलीपोर्ट्स की संख्या बढ़ाकर 21 हो जाएगी।”

326.42 एकड़ में फैले इस हवाई अड्डे को जॉली ग्रांट एयरपोर्ट के नाम से भी जाना जाता है। ऋषिकेश से 20 किमी और हरिद्वार से 35 किमी दूर स्थित यह हवाई अड्डा सालाना 10 लाख यात्रियों को अपनी सेवाएं प्रदान करता है। इसे गढ़वाल के एयर गेटवे के रूप में भी जाना जाता है और उत्तराखंड के पर्यटन में यह महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

देहरादून एयरपोर्ट टर्मिनल संस्कृति, प्रकृति और आधुनिक वास्तुकला के सामंजस्यपूर्ण मिश्रण का साक्षी है। टर्मिनल का डिज़ाइन स्थानीय विरासत और पर्यावरण से प्रेरित है, जिसमें प्रत्येक तत्व अपनी गाथा लिखता है। स्थिरता और स्थानीय संस्कृति पर अपना ध्यान केंद्रित करने के साथ, टर्मिनल सभी आधुनिक सुविधाओं और साधनों से सुसज्जित है, जो यात्रियों को परंपरा और आधुनिकता का एक अनूठा मिश्रण प्रदान करता है।

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