पिछले वर्ष की 1109.38 मीट्रिक टन की माल लदाई के मुकाबले अप्रैल-दिसंबर 2023 तक संचयी आधार पर 1154.67 मीट्रिक टन की माल लदाई हुई, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 45.28 मीट्रिक टन का सुधार है। पिछले वर्ष की 120479.3 करोड़ रुपये की आय की तुलना में रेलवे ने इस बार 125106.2 करोड़ रुपये का अर्जन किया। यह पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में यह 4626.92 करोड़ रुपये अधिक है।

दिसंबर 2023 के दौरान, दिसंबर 2022 में 130.66 मीट्रिक टन की माल लदाई के मुकाबले 138.99 मीट्रिक टन की प्रारंभिक माल लदाई हासिल की गई है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 6.37 प्रतिशत का सुधार है। दिसम्‍बर 2022 में माल लदाई से 14574.25 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्‍त हुआ था। इसकी तुलना में दिसंबर 2023 में 15097.61 करोड़ रुपये का अर्जन किया गया। इस तरह, पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 3.59 प्रतिशत का सुधार हुआ।

भारतीय रेल ने कोयले में 69 मीट्रिक टन, लौह अयस्क में 16.54 मीट्रिक टन, पिग आयरन और तैयार स्टील में 6 मीट्रिक टन, सीमेंट (क्लिंकर को छोड़कर) में 7.23 मीट्रिक टन, क्लिंकर में 5.07 मीट्रिक टन, खाद्यान्न में 4.26 मीट्रिक टन, उर्वरक में 5.77 मीट्रिक टन की लदाई  हासिल की। दिसंबर, 2023 के दौरान खनिज तेल में 4.33 मीट्रिक टन, कंटेनरों में 7.70 मीट्रिक टन और शेष अन्य सामान में 9.76 मीट्रिक टन की लदाई की।

“हंग्री फॉर कार्गो” मंत्र का पालन करते हुए, भारतीय रेल ने व्यापार करने में आसानी के साथ-साथ प्रतिस्पर्धी कीमतों पर सेवा वितरण में सुधार के लिए निरंतर प्रयास किए हैं। ग्राहक केंद्रित दृष्टिकोण और लचीले नीति निर्माण द्वारा समर्थित व्यवसाय विकास इकाइयों के काम ने रेलवे को यह महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल करने में मदद की।

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