पारादीप बंदरगाह ने अपने इतिहास में सबसे कम समय में 100 मिलियन मीट्रिक टन (एमएमटी) कार्गो हैंडलिंग हासिल की, जो कार्गो हैंडलिंग में उत्कृष्टता और दक्षता के प्रति बदंरगाह की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इसने लगातार 7वें वर्ष 100 एमएमटी का आंकड़ा पार करके एक बार फिर यह उपलब्धि दोहराई है और वर्तमान वित्तवर्ष में 18 दिसंबर को 100.28 एमएमटी का कार्गो थ्रूपुट हासिल किया है।
विशेष रूप से, वित्तवर्ष 2022-23 में 100 एमएमटी का प्रतिष्ठित आंकड़ा 9 जनवरी 2023 को हासिल किया गया था। इस प्रकार, पिछले वित्तीय वर्ष में 284 दिनों के मुकाबले वर्तमान वित्तवर्ष में 22 दिन पहले, यानी 262 दिनों में कुल कार्गो थ्रूपुट में 9.64 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करके रिकॉर्ड बनाया। इस तरह पारादीप बंदरगाह ने अपने पूरे इतिहास के दौरान इस शताब्दी में सबसे तेज पीपीए हासिल किया है।
बंदरगाह वर्तमान वित्तवर्ष में 145 एमएमटी से अधिक कार्गो हैंडलिंग का सर्वकालिक रिकॉर्ड स्थापित करने की दहलीज पर है। इस वर्ष के दौरान बंदरगाह द्वारा शुरू किए गए विभिन्न प्रणाली सुधार उपायों ने विकास को गति दी है। पिछले वित्तवर्ष की तुलना में आउटबाउंड लौह अयस्क और पेलेट में उल्लेखनीय 69.03 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। पिछले वित्तवर्ष की समान अवधि में यह 10.56 एमएमटी थी, जबकि वर्तमान वित्तवर्ष में 18 दिसंबर तक यह 17.85 एमएमटी है। बंदरगाह पर संभाले गए कुल कार्गो मात्रा का लगभग 30.38 प्रतिशत हिस्सा तटीय थर्मल कोयला प्रबंधन का है।
बंदरगाह ने प्रमुख प्रदर्शन मापदंडों में भी उल्लेखनीय सुधार दर्ज किया है। गोदी उत्पादकता प्रति जहाज प्रति दिन 32,689 मीट्रिक टन है, जो देश के सभी प्रमुख बंदरगाहों में सबसे अधिक है। माल उतार कर जहाज की वापसी का समय पिछले वर्ष के 47.60 घंटे के मुकाबले 42.01 घंटे दर्ज किया गया है। पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान इसी तरह प्री-बर्थिंग डिटेंशन 1.73 घंटे के मुकाबले 1.18 घंटे है। इस प्रकार पारादीप बंदरगाह देश के तटीय शिपिंग केंद्र के रूप में उभर रहा है और इतिहास में पहली बार, पश्चिमी तट पर थर्मल कोयले की तटीय शिपिंग शुरू की गई है, यानी महाराष्ट्र स्थित पावर प्लांट के मामले में। यह पश्चिमी तट के अन्य क्षेत्रों में थर्मल कोयले की तटीय शिपिंग का विस्तार करने की भी योजना बना रहा है।