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कैल्शियम नाइट्रेट’ और ‘बोरोनेटेड कैल्शियम नाइट्रेट’ का उत्‍पादन भारत में पहली बार किया जा रहा है। अब तक इसे दूसरे देशों से आयात किया जाता था।

पिछले साल देश में लगभग 1.25 लाख मीट्रिक टन (1,23,000 टन) कैल्शियम नाइट्रेट का आयात किया गया था। इसमें से 76 प्रतिशत चीन और बाकी देशों जैसे नॉर्वे और इज़राइल से आयात किया गया था। इस 1.25 लाख टन का कुल आयात मूल्य 225 करोड़ रुपये है। जीएसएफसी ने खुद पिछले साल 4600 मीट्रिक टन आयात करके विक्रय किया।

सरकार ने आत्मनिर्भर भारत और आत्मनिर्भर कृषि” की दिशा में यह निर्णायक कदम उठाया है। जीएसएफसी ने इन दोनों उत्पादों को पहली बार खुदरा बाजार में हिमाचल प्रदेश के सोलन और गुजरात के भावनगर से लॉन्च किया। ‘कैल्शियम नाइट्रेट’ और ‘बोरोनेटेड कैल्शियम नाइट्रेट’ की यह स्वदेशी किस्म आयातित सामग्री की तुलना में देश में किसान समुदाय को सस्ती दर में गुणवत्तापूर्ण उत्पाद साबित होगी।

अब तक बनाए गए दो उत्पाद एफसीओ ग्रेड के हैं और भारत सरकार के उर्वरक विभाग की मान्यता प्राप्त प्रयोगशाला द्वारा प्रमाणित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि अब तक ये उत्पाद पूरी तरह से आयात किए जाते रहे हैं और पहली बार जीएसएफसी जैसी कंपनी ने इसके स्वदेशी उत्‍पादन के लिए पहल की है। उन्होंने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि ये उत्पाद घरेलू बाजार में एक बड़ी सफलता होगी।

कैल्शियम नाइट्रेट का उपयोग कृषि में पानी में घुलनशील उर्वरक के रूप में किया जाता है। इसके अलावा, इस उत्पाद का उपयोग अपशिष्ट जल उपचार में और सीमेंट कंक्रीट की मजबूती बढ़ाने के लिए भी किया जाता है।

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