द वीक में प्रकाशित
जलवायु महत्वाकांक्षी शिखर सम्मेलन 2020 के दौरान कहा कि भारत न केवल पेरिस समझौते के अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में है, बल्कि वह अपेक्षाओं से अधिक उन्हें पार करने की राह पर है। उन्होंने उल्लेख किया कि देश ने 2005 के स्तर से अपनी उत्सर्जन तीव्रता को 21 प्रतिशत तक कम कर दिया है।

शिखर सम्मेलन में दिए गए अपने डिजिटल संदेश में मोदी ने कहा कि पेरिस समझौते की पांचवीं वर्षगांठ पर आयोजित सम्मेलन जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में सबसे महत्वाकांक्षी कदम है। पेरिस समझौते को 12 दिसंबर 2015 को अंगीकृत किया गया था और यह चार नवंबर 2016 से लागू हो गया था।

दिसंबर 2015 में जलवायु परिवर्तन पर पेरिस समझौते को अंगीकृत करने के पांच साल होने के मौके पर जलवायु महत्वाकांक्षी शिखर सम्मेलन का आयोजन किया गया। संयुक्त राष्ट्र, ब्रिटेन और फ्रांस ने चिली और इटली के सहयोग से इस सम्मेलन का आयोजन किया।

उन्होंने कहा, ‘आज, जैसा कि हम अपनी निगाहें और ऊपर करना चाह रहे हैं, हमें अतीत की ओर से भी दृष्टि को ओझल नहीं करना चाहिए। हमें न केवल अपनी महत्वाकांक्षाओं को संशोधित करना चाहिए, बल्कि पहले से ही निर्धारित लक्ष्यों के संबंध में अपनी उपलब्धियों की भी समीक्षा करनी चाहिए।’

उन्होने ने कहा, ‘तभी हमारी आवाजें भविष्य की पीढ़ियों के लिए विश्वसनीय हो सकती हैं।’ उन्होंने कहा कि 2047 में, भारत एक आधुनिक, स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में अपने 100 साल मनाएगा। मोदी ने कहा, ‘इस ग्रह पर के मेरे सभी निवासियों के लिए, मैं आज एक संकल्प लेता हूं। (आजादी के) सौ साल पूरे होने पर भारत न केवल अपने लक्ष्यों को पूरा करेगा, बल्कि आपकी अपेक्षाओं से भी आगे बढ़ेगा।’

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