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देश में प्रदूषण रहित ऊर्जा तैयार करने में आइआइटी कानपुर अपना सहयोग करेगा। यह जल, वायु, सौर के अलावा ऐसे क्षेत्र होंगे, जहां प्राकृतिक तरीके से ऊर्जा मिल सकेगी। इसके लिए छात्र-छात्राएं न सिर्फ पढ़ाई करेंगे, बल्कि शोध भी कर सकेंगे।

यह सब यहां के नए विभाग सस्टेनेबल एनर्जी (सतत ऊर्जा) में संभव होगा। इसे लेकर सोमवार को बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की बैठक में सहमति दी गई। इसके लिए विभाग को पहले ही ई-सीनेट से हरी झंडी मिल चुकी थी, जिसपर अंतिम मोहर बोर्ड ने लगा दी।

ये तकनीक मेक इन इंडिया, स्वच्छ भारत, आत्मनिर्भर भारत के अंतर्गत विकसित की जाएंगी। इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए नए तरीके की बैट्री डिजाइन करेगी। ग्रीन फ्यूल, सुपर कैपेसिटर और वेस्ट उत्पादों से ऊर्जा तैयार किया जाएगा। सतत ऊर्जा से पावर सेक्टर के क्षेत्र में काम होगा। विभाग से बीटेक, एमटेक और पीचडी की पढ़ाई होगी।

इसमे नए विभाग में कई अन्य विभाग मिलकर काम करेंगे। संस्थान का सतत ऊर्जा के क्षेत्र में काम करने के लिए पहले ही टेक्सास की राइस यूनिवर्सिटी से करार हो चुका है।

प्राचार्य डॉ. साधना सिंह ने बताया कि इस कोर्स को करने के बाद छात्र छात्राएं जूनियर सॉफ्टवेयर डेवलपर व वेब डेवलपर के तौर पर स्वरोजगार भी स्थापित कर सकेंगे। कोर्स में 50 छात्र छात्राएं पंजीकृत हैं।

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