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हिन्दी न्यूज 18 में प्रकाशित

खुशखबरी यह है कि नागालैंड कीवी की बागवानी कर रहा है।  और उससे भी ज़्यादा खुशी की बात यह है कि कीवी का उत्पादन बढ़ रहा है,  इसी को देखते हुए केन्द्र सरकार ने नागालैंड को कीवी स्टेट का दर्जा दिलाने में मदद शुरु कर दी है।  कीवी का उत्पादन और ज़्यादा हो, साथ में कीवी को बड़ा बाज़ार भी मिले, इसके लिए पहल शुरु कर दी है।

आज नागालैंड के किसान देश के बड़े शहरों के व्यापारियों के साथ कीवी की मार्केटिंग कर रहे हैं, यह एक सुखद संकेत है. विदेशी फल हमारे यहां उत्पादित हों और उनका आयात कम हो यह भी आत्मनिर्भर भारत अभियान की ही दिशा में एक कदम है। कीवी फल के लिए नागालैंड में अलग से कृषक उत्पादक संगठन बनाने पर भी बल दिया।

हिमाचल प्रदेश में वर्ष 1990 के दशक में कुल्लू, मंडी, सोलन, चंबा सिरमौर जिलों में काफी बगीचे लगाए गए, लेकिन तकनीकी जानकारी के अभाव में कीवी फल की बागवानी उतनी लाभकारी सिद्ध नहीं हुई, जितनी इसकी संभावनाएं थी. इसका मुख्य कारण फलों के आकार गुणवता का कम होना था जो विदेश से आयात किए गए फल की उपेक्षा कम थे। कीवी उत्पादन से यहां के किसानों की आय बढ़ने के साथ ही बागवानी के क्षेत्र में भी विस्तार हुआ है।

राज्य की अर्थ व्यवस्था को भी बढ़ावा मिला है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार एवं कृषि मंत्रालय को नागालैंड को ‘कीवी स्टेट’ का दर्जा मिले इस दिशा में कार्य करना चाहिए। आत्म निर्भर भारत अभियान के अंतर्गत खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में 10 हज़ार करोड़ रूपये का प्रावधान किया है. अब आवश्यकता इस बात है कि केंद्र, राज्य व संबंधित संस्थाएं मिलकर इन सारी योजनाओं का लाभ किसान तक पहुंचाने के लिए काम करें।

कीवी के अंदर विटामिन सी, संतरे से 5 गुना ज्यादा होता है, .इसके अंदर 20 से भी ज्यादा पोषक तत्व पाए जाते हैं., कीवी फ्रूट में विटामिंस और पोटेशियम, कॉपर , फाइबर भी प्रचुर मात्रा में पाया जाने के कारण इसको सुपर फ्रूट भी कहा जाता है. लगभग 70 ग्राम फ्रेश कीवी फ्रूट में विटामिन सी 50%, विटामिन के 1%, कैल्शियम 10%, फाइबर आठ प्रतिशत ,विटामिन ई 60%, पोटैशियम 6% पाया जाता है.इस में पाया जाने वाला एंटी ऑक्सीडेंट शरीर को रोगों से बचाने का काम करता है।  यह शरीर में शरीर की रोग निरोधक क्षमता को बढ़ाता, स्वास्थ के लिए बहुत जरुरी होता है।

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