सरकार ने प्रमुख पर्यटन स्थलों को हस्तशिल्प समूहों के साथ जोड़ने का प्रस्ताव किया है ताकि बुनियादी ढांचा समर्थन और पर्यटन कार्यक्रम के साथ वस्त्र को जोड़ने के तहत नरम हस्तक्षेप प्रदान किया जा सके। इसके लिए आठ शिल्प गांवों की पहचान की गई है। एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, उनमें ओडिशा का रघुराजपुर, आंध्र प्रदेश का तिरुपति, गुजरात का वडज, उत्तर प्रदेश का नैनी और ताज गंज, कर्नाटक का अनेगुंडी, तमिलनाडु का महाबलीपुरम और राजस्थान का आमेर शामिल हैं।
एक ही स्थान पर शिल्प और पर्यटन को बढ़ावा देकर इन गांवों का समग्र विकास किया जाएगा।
क्राफ्ट विलेज हस्तशिल्प को समूहों में कारीगरों के लिए एक स्थायी और लाभकारी आजीविका विकल्प के रूप में विकसित करेगा और इस प्रकार देश की समृद्ध विरासत की रक्षा करेगा। देश भर में लगभग एक हजार कारीगरों को सीधे लाभ होगा और पर्यटकों की आमद भी बढ़ने की उम्मीद है।