अपने उत्पादों की रेंज का विस्तार करने की पहल के तहत, ट्राइफेड ने हाल ही में नए उत्पादों को शामिल किया है। यह उत्पाद रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने वाले हैं जो कि वन के ताजे संसाधनों से बनाए गए हैं और इन उत्पादों को हाल ही में ट्राइफेड ने अपने उत्पादों की श्रृंखला में शामिल किया है। खास बात यह है कि इन उत्पादों को जगदलपुर की केंद्रीय जेल के कैदियों ने बनाया हैं।
ट्राइब्स इंडिया की लगातार कोशिश रही है कि वह आदिवासियों के जीवन स्तर में सुधार कर, उन्हें नई ऊंचाइयों पर ले जाए। छत्तीसगढ़ के केंद्रीय जेल से हमारी साझेदारी, उस कड़ी का एक और प्रयास है। इस साझेदारी के जरिए आदिवासियों द्वारा बनाए गए हैंडीक्रॉफ्ट उत्पादों को बड़ा बाजार मिलेगा। जिसके जरिए न केवल वह आत्मनिर्भर बनेंगे बल्कि आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को भी साकार करेंगे।” नए उत्पादों से ट्राइब्स इंडिया के उत्पादों की श्रृंखला मजबूत होगी। ट्राइब इंडिया का ई-मार्केट प्लेस, उपहारों के लिए दिए जाने वाले उत्पादों का एक उत्कृष्ट माध्यम भी बनेगा। जिसके जरिए समाज के वंचित लोगों के जीवन में मुस्कान भी आएगी।
छत्तीसगढ़ के जगदलपुर जेल के आदिवासी कैदियों द्वारा, मूर्ति और केतकी टोकरी को आज लॉन्च किया गया है। इसके तहत भगवान गणेश, देवी लक्ष्मी और मां दुर्गा की मूर्ति लॉन्च की गई हैं, जो कि सिर्फ उपहार देने के लिए ही नहीं हैं बल्कि इससे जेल के आदिवासी भी आत्मनिर्भर बनेंगे।
यह निर्णय भी लिया गया है कि जगदलपुर केंद्रीय जेल अब ट्राइफेड का साझीदार होगा। इसका फायदा यह होगा कि जेल में आदिवासियों द्वारा बनाए गए उत्पादों को ट्राइफेड नियमित रूप से खरीदेगा। इन उत्पादों को ट्राइब्स इंडिया वैश्विक प्लेटफॉर्म दिलाएगा। देश के विभिन्न क्षेत्रों से आदिवासी कलाकारों द्वारा बनाए गए यह उत्पाद उपहार और सजावट के लिए बेहतरीन विकल्प है।
पिछले कुछ हफ्तों में आदिवासियों द्वारा बनाए गए इन उत्पादों को ट्राइफेड ने शामिल किया है। जो कि देश में ट्राइब्स इंडिया के 125 आउटलेट पर बिक्री के लिए उपलब्ध होंगे। इसके अलावा इन उत्पादों की बिक्री के लिए ट्राइब्स इंडिया की मोबाइल वैन भी लोगों तक अपनी पहुंच बनाएगी। साथ ही यह उत्पाद ट्राइब इंडिया के ऑनलाइन प्लेटफॉर्म भी tribesindia.com और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होंगे।
सफलता हासिल करने के लिए “गो वोकल फॉर लोकल” ही मूल मंत्र है। जिसके आधार पर ट्राइफेड लगातार प्रयास कर रहा है। इस मंत्र के जरिए ट्राइफेड लगातार अपनी योजनाओं और पहल से वंचित और प्रभावित आदिवासियों के जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में काम कर रहा है।