13 नवंबर, 2020 को 5वें आयुर्वेद दिवस पर भविष्‍य के लिए तैयार दो आयुर्वेद संस्थान राष्ट्र को समर्पित किया गया । ये संस्‍थान- भारतीय आयुर्वेद शिक्षण एवं अनुसंधान (आईटीआरए) संस्‍थान जामनगर और राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान (एनआईए) जयपुर हैं। दोनों संस्थान देश में आयुर्वेद के प्रमुख संस्थान हैं। आईटीआरए को संसद के एक अधिनियम द्वारा राष्ट्रीय महत्व के संस्थान (आईएनए) का दर्जा दिया गया है, जबकि आईएनए को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा सम-विश्‍वविद्यालय (डीम्‍ड टू बी यूनिवर्सिटी) का दर्जा दिया गया है।

अभी हाल ही में संसद के एक अधिनियम द्वारा सृजित किया गया यह संस्‍थान विश्‍व स्‍तर के स्‍वास्‍थ्‍य सेवा संस्थान के रूप में उभरने के लिए तैयार है। आईटीआरए में 12 विभाग,  तीन नैदानिक ​​प्रयोगशालाएँ और तीन अनुसंधान प्रयोगशालाएँ स्‍थापित की गई हैं।  उन्‍नयन दर्जे के साथ इस संस्‍थान को आयुर्वेद शिक्षा के मानकों को उन्‍नयन करने में स्वायत्तता प्राप्‍त होगी, क्योंकि यह संस्‍थान आधुनिक अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुसार पाठ्यक्रम उपलब्‍ध कराएगा। इसके अलावा आयुर्वेद को एक समकालीन स्‍वरूप प्रदान करने के लिए अंतर-विषयी सहयोग का भी निर्माण करेगा।

पूरे देश में प्रख्‍यात राष्‍ट्रीय आयुर्वेद संस्‍थान (एनआईए) जयपुर को सम-विश्‍वविद्यालय (डी नोवो श्रेणी) का दर्जा प्राप्त हुआ है। इसकी 175 साल पुरानी विरासत है और इस संस्‍थान का पिछले कुछ दशकों में प्रामाणिक आयुर्वेद के संरक्षण, संवर्धन और उसे आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। वर्तमान में एनआईए में 14 विभिन्न विभाग हैं। 2019-20 के दौरान संस्‍थान में 955 छात्रों और 75 अध्‍यापकों के साथ छात्र-अध्‍यापक अनुपात बहुत अच्‍छा था।

इस संस्‍थान में प्रमाण पत्र से लेकर डॉक्टरेट स्तर तक के आयुर्वेद पाठ्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं के साथ-साथ अनुसंधान गतिविधियों में भी यह संस्‍थान अग्रणी है। वर्तमान में यह 54 विभिन्न अनुसंधान परियोजनाएं आयोजित कर रहा है। डीम्‍ड टू बी यूनिवर्सिटी (डी नोवो श्रेणी) का दर्जा प्राप्‍त होने से यह संस्‍थान तृतीयक स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा और अनुसंधान में उच्‍च मानकों को अर्जित करके नई ऊंचाइयों तक पहुंचने के लिए तैयार है।

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