फलता की कहानी: एनएसआईसी ने मधुबाला को आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनने में मदद की।
सुश्री मधुबाला मंडी, हिमाचल प्रदेश की रहने वाली हैं। MSME’S NSIC के तहत, उन्होंने 1 साल के लिए अपना फैशन डिजाइनिंग कोर्स पूरा किया और कटिंग और टेलरिंग का काम सीखा।
इससे उन्हें अपना बुटीक स्थापित करने और आर्थिक रूप से स्वतंत्र होने में मदद मिली। वह कहती हैं, ‘मैंने एनएसआईसी ट्रेनिंग कोर्स के तहत फैशन डिजाइनिंग जैसे कटिंग और टेलरिंग आदि के बारे में बहुत कुछ सीखा। इससे मुझे बहुत मदद मिली है और अब मेरा अपना बुटीक है, जिसका नाम मधुबाला बुटीक है और मैं हर महीने लगभग 10,000 रुपये कमा पा रही हूं।’