रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने 08 अप्रैल, 2022 को ओडिशा के तट पर एकीकृत परीक्षण रेंज (ITR), चांदीपुर में सॉलिड फ्यूल डक्टेड रैमजेट (SFDR) बूस्टर का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। परीक्षण ने सभी महत्वपूर्ण के विश्वसनीय कामकाज का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया। जटिल मिसाइल प्रणाली में शामिल घटक और मिशन के सभी उद्देश्यों को पूरा किया।

एसएफडीआर-आधारित प्रणोदन मिसाइल को सुपरसोनिक गति से बहुत लंबी दूरी पर हवाई खतरों को रोकने में सक्षम बनाता है। आईटीआर द्वारा तैनात टेलीमेट्री, रडार और इलेक्ट्रो ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम जैसे कई रेंज इंस्ट्रूमेंट्स द्वारा कैप्चर किए गए डेटा से सिस्टम के प्रदर्शन की पुष्टि की गई है। एसएफडीआर को रक्षा अनुसंधान और विकास प्रयोगशाला, हैदराबाद द्वारा अन्य डीआरडीओ प्रयोगशालाओं जैसे अनुसंधान केंद्र इमारत, हैदराबाद और उच्च ऊर्जा सामग्री अनुसंधान प्रयोगशाला, पुणे के सहयोग से विकसित किया गया है।

रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने एसएफडीआर के सफल परीक्षण के लिए डीआरडीओ को बधाई दी है। उन्होंने इसे देश में महत्वपूर्ण मिसाइल प्रौद्योगिकियों के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताया। रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ जी सतीश रेड्डी ने डिजाइन, विकास और परीक्षण में शामिल टीमों की सराहना करते हुए कहा, एसएफडीआर के सफल परीक्षण के साथ, हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों की सीमा को बढ़ाया जा सकता है।

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