स्वच्छ वातावरण पर निरंतर ध्यान देने के साथ, एनटीपीसी ने एनटीपीसी कवास में जीजीएल (गुजरात गैस लिमिटेड) के पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) नेटवर्क में हरित हाइड्रोजन के सम्मिश्रण की पहल की है। दोनों कंपनियों के बीच एक औपचारिक समझौते पर आज श्री की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए।
एनटीपीसी कवास की मौजूदा 1 मेगावाट की फ्लोटिंग सौर परियोजना से बिजली का उपयोग करके ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन किया जाएगा। इसे पूर्व निर्धारित अनुपात में पीएनजी के साथ मिश्रित किया जाएगा और एनटीपीसी कवास टाउनशिप में खाना पकाने के अनुप्रयोगों के लिए उपयोग किया जाएगा। प्रारंभ में, पीएनजी में हाइड्रोजन सम्मिश्रण का प्रतिशत लगभग 5% होगा और सफल समापन के बाद, इसे और बढ़ाया जाएगा।
एनटीपीसी विविध ईंधन मिश्रण के साथ 69 गीगावाट की संस्थापित क्षमता के साथ देश की प्रमुख ऊर्जा उपयोगिता है। एनटीपीसी समूह ने एक दशक में 60 गीगावॉट आरई हासिल करने की योजना बनाई है और हरित हाइड्रोजन क्षेत्र में कई पायलट परियोजनाओं को क्रियान्वित कर रहा है।
जीजीएल भारत की सबसे बड़ी सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन (सीजीडी) कंपनी है और 6 राज्यों और 1 केंद्र शासित प्रदेश के 43 जिलों में इसकी मौजूदगी है। एनटीपीसी कवास में यह हाइड्रोजन सम्मिश्रण परियोजना एक अग्रणी प्रयास है और देश में अपनी तरह का पहला है। यह खाना पकाने के क्षेत्र के डीकार्बोनाइजेशन और राष्ट्र की ऊर्जा आवश्यकताओं के लिए आत्मनिर्भरता की दिशा में एक कदम है।