रक्षा निर्माण में आत्मनिर्भरता की निरंतर खोज में और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के तहत डीपीएसयू द्वारा आयात को कम करने के लिए, रक्षा मंत्रालय ने 107 रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण लाइन प्रतिस्थापन इकाइयों (एलआरयू) / उप-प्रणालियों की एक और सूची को एक समय सीमा के साथ मंजूरी दे दी है, जिसके बाद उनके आयात पर प्रतिबंध हो। आने वाले वर्षों में इनका स्वदेशीकरण किया जाएगा और सूची में इनमें से प्रत्येक के सामने दर्शाई गई समय-सीमा के बाद ही भारतीय उद्योग से खरीदे जाएंगे। डीपीएसयू-वार और समय-वार सूचियां नीचे दी गई हैं:

इन मदों का स्वदेशीकरण ‘मेक’ श्रेणी के तहत डीपीएसयू द्वारा किया जाएगा। ‘मेक’ श्रेणी का उद्देश्य भारतीय उद्योग की अधिक भागीदारी को शामिल करके आत्मनिर्भरता प्राप्त करना है। उद्योग द्वारा उपकरणों, प्रणालियों, प्रमुख प्लेटफार्मों या उनके उन्नयन के डिजाइन और विकास से संबंधित परियोजनाओं को इस श्रेणी के तहत लिया जा सकता है। डीपीएसयू उद्योग आधारित डिजाइन और विकास के लिए इन चिन्हित एलआरयू/उप-प्रणालियों की पेशकश करेंगे। यह भारतीय उद्योग के लिए प्रमुख रक्षा प्लेटफार्मों के निर्माण की आपूर्ति श्रृंखलाओं में एकीकृत होने का एक बड़ा अवसर होगा।

इन एलआरयू/उप-प्रणाली परियोजनाओं के स्वदेशी विकास से अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और डीपीएसयू की आयात निर्भरता कम होगी। इसके अलावा, यह घरेलू रक्षा उद्योग की डिजाइन क्षमताओं का दोहन करने और भारत को इन प्रौद्योगिकियों में एक डिजाइन लीडर के रूप में स्थापित करने में मदद करेगा।

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